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विप्रचित्ति

   { vipracitti }
Script: Devanagari
See also:  विप्रचित्ति , विप्रजित्ति

विप्रचित्ति     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
VIPRACITTI   
1) General information.
A Dānava (asura) born to Prajāpati Kaśyapa, by his wife Danū. Danū had given birth to thirtythree notorious asuras (demons). Vipracitti was the eldest of them. His younger brothers were Śambara etc. [M.B. Ādi Parva Chapter 65, Stanza 25] .
2) Other details.
(i) Siṁhikā was the wife of Vipraoitti. This Siṁhikā was the sister of Hiraṇyaka ipu and Hiraṇyākṣa and the daughter of Kaśyapa and Diti. [Viṣṇu Purāṇa, Aṁśa 1, Chapter 15] .
(ii) It was this Vipracitti who took rebirth later as Jarāsandha. [M.B. Ādi Parva, Chapter 67, Stanza 4] .
(iii) Vipracitti stays in the palace of Varuṇa praising and glorifying him. [M.B. Sabhā Parva, Chapter 9, Stanza 12] .
(iv) When Mahāviṣṇu took the form of Vāmana and began to measure the three worlds, Vipracitti with some asuras surrounded Vāmana. [M.B. Sabhā Parva, Dākṣiṇātya pāṭha, Chapter 38] .
(v) In [Mahābhārata, Śalya Parva, Chapter 31, Stanza 12] , a statement occurs to the effect that in days of old, Mahāviṣṇu took the form of Indra and killed Vipracitti.
(vi) In the war between Devas and asuras, Vipracitti was killed by Indra. [M.B. Śānti Parva, Chapter 47, Stanza 11] .

विप्रचित्ति     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
See : विप्रचित्

विप्रचित्ति     

विप्रचित्ति n.  एक दानव राजा, जो कश्यप एवं दनु के सौ पुत्रों में से प्रमुख पुत्र था [भा. ६.६.३१] । महाभारत में दनु के पुत्रों की संख्या चौंतीसस दी गयी है, जिनमें इसे प्रमुख कहा गया है [म. आ. ५९.२१] । इसके भाइयों में ध्वज नामक असुर प्रमुख था [वायु. ६७.६०]
विप्रचित्ति n.  वृत्रासुर एवं हिरण्यकशिपु के द्वारा इंद्र से किये गये युद्ध में, यह असुर पक्ष में शामिल था [म. स. ५१.७] ;[भा. ६.७०] । बलि वैरोचन एवं इंद्र के युद्ध में भी यह सहभागी थी । वामन के द्वारा किये गये ‘बलिबंधन’ के समय, यह वामन से युद्ध करने के लिए उद्यत हुआ था [म. स. परि. २१.३३७] । देवासुरों के द्वारा किये गये ‘अमृतमंथन’ के समय भी, यह उपस्थित था [मत्स्य. २४५.३१]
विप्रचित्ति n.  अपनी सिंहिका नामक पत्नी से इसे एक सौ एक पुत्र उत्पन्न हुए थे, जो ‘सैंहिकेय’ सामूहिक नाम से सुविख्यात थे । एक राहु एवं सौ केतु मिल कर, ये १०१ सैंहिकेय राक्षस बने थे [भा. ६.६.३७] । भागवत के अतिरिक्त, ब्रह्म, मत्स्य आदि बाकी सारे पुराणों में इसके पुत्रों की संख्या तेरह दी गयी है । हरिवंश, विष्णु एवं ब्रह्मांड में वह बारह बतायी गयी है । विप्रचित्ति के पुत्रों की हरिवंश में प्राप्त नामावलि, अन्य पुराणों में प्राप्त पाठभेदों के साथ नीचे दी गयी हैः-- १. अंजिक (अजन, अंजक, सुपुंजिक); २. इल्वल; ३. कालनाभ; ४. खस्त्रुम (शलभ, श्र्वसृप); ५. नभ (नल, भौम); ६. नमुचि; ७. नरक (कनक) ८. राहु (पोतरण, सरमाण, स्वर्भानु); ९. वज्रनाभ (कालवीर्य, चक्रयोधिन्, बल); १०. वातापि; ११. व्यंश (वंश्य, व्यंस, सव्यसिव्य); १२. शुक्र (विख्यात, केतु, शंभु) [ह. वं. १.३] ;[मत्स्य ६] ;[विष्णु. १.२१] ;[ब्रह्म. ३] ;[ब्रह्मांड. ६.१८.२२]

विप्रचित्ति     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  एक राक्षस   Ex. राहु विप्रचित्तिचा पुत्र होता.
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benবিপ্রচিত
gujવિપ્રચિત્તિ
hinविप्रचित्
kasوِپرٛاچِت
kokविप्रचीत
malവിപ്രചിത്തന്
oriବିପ୍ରଚିତ
panਵਿਪ੍ਰਚਿਤ
sanविप्रचित्तिः
urdوپرچت , وپرچتی

विप्रचित्ति     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
विप्र—चित्ति  mfn. mfn. (वि॑प्र-) sagacious, [TBr.]
ROOTS:
विप्र चित्ति
विप्र—चित्ति  m. m.N. of a preceptor, [BṛĀrUp.]
ROOTS:
विप्र चित्ति
-चित्   of a दानव (father of राहु), [Suparṇ.] ; [MBh.] &c. (cf.)
ROOTS:
चित्
विप्र—चित्ति  f. f.N. of an अप्सरस्, [VP.]
ROOTS:
विप्र चित्ति

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