पुत्र - प्राप्तिव्रत ( विष्णुधर्मोत्तर ) -
यह व्रत वैशाख शुक्ल पञ्चमीसे प्रारम्भ होकर वर्षभरमें पूर्ण होता है । आरम्भमें पञ्चमीको उपवास करके षष्ठीको स्कन्द - कुमार - विशाख और गुहका पूजन करे, इस प्रकार प्रत्येक शुक्ल पञ्चमी और षष्ठीको वर्षपर्यन्त करता रहे तो पुत्रार्थीको क्पुत्र, धनार्थीको धन और स्वर्गार्थीको स्वर्ग प्राप्त होता है । यह शिवजीका बतलाया हुआ व्रत है ।