हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|वैशाखके व्रत|वैशाख शुक्लपक्ष व्रत| मधुसूदनपूजा वैशाख शुक्लपक्ष व्रत अक्षयतृत्तीया अक्षयतृतीयाव्रत परशुराम जयन्ती अक्षयतृत्तीया निम्बसप्तमी निम्बसप्तमी कमलसप्तमी शर्करासप्तमी वैशाखी अष्टमी श्रीजानकी नवमी वैशाखशुक्लैकादशी मधुसूदनपूजा कामदेवव्रत पुत्रादिप्रद प्रदोषव्रत नृसिंह जयन्तीव्रत नृसिंह जयन्तीव्रत कदलीव्रत वैशाखी व्रत वैशाख शुक्लपक्ष व्रत - मधुसूदनपूजा व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalmonthvaishakhvratमहिनावैशाखव्रतसण मधुसूदनपूजा Translation - भाषांतर मधुसूदनपूजा ( महाभारत - दानधर्म ) - वैशाख शुक्ल द्वादशीको भगवान मधुसूदनका पूजन करके व्रत करे तो उससे ' अग्निष्टोम ' के समान फल होता है । यदि इस दिन बृहस्पति और मङ्गल सिंहाराशिके और सूर्य मेषका हो तथा हस्त नक्षत्र और व्यतीपात हो तो इस सुयोगमें अन्न, वस्त्र, सुवर्ण, गौ और पृथ्वीका दान देनेसे सब प्रकारके पाप दूर होकर देवत्व, इन्द्रव, नृपतित्त्व और आरोग्य प्राप्त होता है । १. वैशाखमासि द्वादश्यां पूजयेन्मधुसूदनम् । अग्निष्टोममवाप्रोति सोमलोकं च गच्छति ॥ ( महाभारते दानधर्मे ) २. पञ्चाननस्थौ गुरुभूमिपुत्रौ मेषे रविः स्याद् यदि शुक्लपक्षे । पाशाभिधाना करभेण युक्ता तिथिर्व्यतीपात इतीह योगः ॥ असिंस्तु गोभूमिहिरण्यवस्त्रदानेन सर्वं परिहाय पापम् । सुरत्वामिन्द्रत्वमनामयत्वं मर्त्याधिपत्यं लभते मनुष्यः ॥ ( हेमाद्रौ ) N/A References : N/A Last Updated : January 17, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP