वैशाख शुक्लपक्ष व्रत - कमलसप्तमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


कमलसप्तमी ( पद्मपुराण ) -

इस व्रतके लिये सुवर्णका कमल और सूर्यकी मूर्ति बनवाकर वैशाख शुक्ल सप्तमीको वेदीपर कमल और कमलपर सूर्यकी मूर्ति स्थापित करे एवं उनका यथाविधि पूजन करके ' नमस्ते पद्महस्ताय नमस्ते विश्वधारिणे । दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ॥' इस श्लोकसे प्रार्थना करके सुर्यास्तके समय एक जलका घड़ा एक गौ और उक्त कमलादि ब्राह्मणोंको दान करे तथा दूसरे दिन उनको भोजन कराकर स्वयं भोजन करे । इस प्रकार प्रत्येक शुक्ल सप्तमीको एक वर्ष करे तो सब प्रकारका सुख प्राप्त होता है ।

N/A

References : N/A
Last Updated : January 16, 2009

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP