हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|महिमा| भजता क्यूँ ना रे हरिन... महिमा नटवर नागर नन्दा , भजो ... जग में सुन्दर हैं दो ... आवो भाई सब मिल बोलो ... हे पिंजरे की ये मैना ... हरी नाम सुमर सुखधाम , ... भज ले क्यूँ न राधे क... दिन नीके बीते जाते हैं ॥ट... राम गुण गायो नहीं आय ... लेल्योजी लेल्योजी थे , ... नाम जपन क्यों छोड़ दिय... श्रीवृन्दावन -धाम अपार ... बोलो राम राम राम राम ... बोल हरि बोल , हरि हरि ... सीताराम सीताराम सीताराम ब... तेरी पार करैगो नैया , ... रे मन -प्रति -स्वाँस पु... जग असारमें सार रसना ! हरि... गोविन्द जय -जय गोपाल ज... तेरी बन जैहैं गोविन्द ... भजता क्यूँ ना रे हरिन... भजो रे मन , राम -नाम स... तू राम भजन कर प्राणी ... सोइ रसना , जो हरि -गुन ... चाहता जो परम सुख तूँ ... राम कहो राम कहो राम ... जाउँ कहाँ तजि चरन तुम... प्यारे ! जरा तो मनमें ... रघुपति राघव राजाराम , प... रघुपति राघव राजा राम ,... हरे राम हरे राम राम ... नन्दानन्दन घनश्याम , भज ... सुरता राम भजाँ सुख पा... जय जय राम जय सूर सूद... नाम महिमा - भजता क्यूँ ना रे हरिन... भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है । Tags : bhajankirtanकीर्तननामभजनहिंदी नाम महिमा Translation - भाषांतर भजता क्यूँ ना रे हरिनाम,तेरी कौड़ी लगे न छिदाम ॥ टेर॥ दाँत दिया है मुखड़ेकी शोभा, जीभ दई रट नाम ॥१॥ नैणा दिया है दरशण करबा, कान दिया सुण ज्ञान ॥२॥ पाँव दिया है तीरथ करबा, हाथ दिया कर दान ॥३॥ शरीर दियो है उपकार करणने, हरि-चरणोंमें ध्यान ॥४॥ बन्दा ! तेरी कौड़ी लगे न छदाम, रटता क्यों नहिं रे हरिनाम ? ॥५॥ N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2014 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP