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प्यारे ! जरा तो मनमें ...

नाम महिमा - प्यारे ! जरा तो मनमें ...

भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।


प्यारे ! जरा तो मनमें बिचारो; क्या साथ लाये अब ले चलोगे ।

जावे यही साथ सदा पुकारो, गोविन्द ! दामोदर ! माधवेति ॥१॥

नारी धरा-धाम सुपुत्र प्यारे, सन्मित्र सद्वाम्धव द्रव्य सारे ।

कोई न साथी, हरिको पुकारो, गोविन्द ! दामोदर ! माधवेति ॥२॥

नाता भला क्या जगसे हमारा, आये यँहा क्यों ? कर क्या रहे हैं ।

सोचो बिचारो, हरिको पुकारो, गोविन्द ! दामोदर ! माधवेति ॥३॥

सच्चे सखा हैं हरि ही हमारे, माता पिता स्वामि सुबन्दु प्यारे ।

भूलो न भाई दिन-रात गावो, गोविन्द ! दामोदर ! माधवेति ॥४॥

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Last Updated : January 22, 2014

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