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नारद स्मृतिः - मातृकः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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नारद स्मृतिः - व्यवहारपदानि
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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नारद स्मृतिः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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नारद भक्ति सूत्र
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात.
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नारद भक्ति सूत्र - प्रथमोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - तृतियोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - चतुर्थोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - द्वितीयोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - पञ्चमोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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देवर्षि नारद
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
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नारद
Meanings: 44; in Dictionaries: 10
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स्मृतिः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - ऋणादानम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - क्षेत्रजविवादः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - दिव्यानि
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - दायभागः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - द्यूतसमाह्वयम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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मातृकः - व्यवहारः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - वेतनस्यानपाकर्म
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - अभ्युपेत्याशुश्रूषा
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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मातृकः - भाषाः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - संभूयसमुत्थानम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - स्तेयम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - प्रकीर्णकम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - विक्रीयासंप्रदानम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - अस्वामिविक्रयः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - स्त्रीपुंसयोगः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - दत्ताप्रदानिकम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - वाग्दण्डपारुष्ये
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - साहसम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - निक्षिपः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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मातृकः - सभाः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - समयस्यानपाकर्म
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यवहारपदानि - क्रीतानुशयः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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संत जनाबाई - नारद सांगे मृत्युलोकीं । ...
जनाबाई, दासीपणाची कामे करीत असताना तिच्या मनाने, अभंगांतून आध्यात्मिक प्रगती आणि पारमार्थिक उन्नती केली.
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चतुःश्लोकी भागवत - नारद
मराठी बहुजनसमाजांत श्रद्धा, भक्ति, प्रेम, समता आणि विश्वबंधुत्वाचें अतूट नाते निर्माण करणारे सत्पुरूष म्हणजे पैठणचे महाभागवत श्रीएकनाथमहाराज हेच होत.
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श्री गुरूचे पद - नारद वीणा वाहे गगनीं । घो...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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संकष्टनाशनविष्णुस्तोत्रम् - नारद उवाच- पुनर्दैत्यान्...
विष्णू हि सर्वोच्च शक्ती असून, त्रिमूर्ती ब्रह्मा, विष्णू आणि महेश यांपैकी, भगवान विष्णूचे कार्य विश्वाचा सांभाळ आणि प्रतिपाळ करणे आहे Vishnu,also known as Narayana is the Supreme Being or Ultimate Reality In the Trimurti, Vishnu is responsible for the maintenance or 'preservation' of the universe.
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संकष्टनाशनगणेशस्तोत्रम् - ॥ नारद उवाच ॥ प्रणम्य शि...
संकष्टनाशनगणेशस्तोत्रम् Another type of Ganesh Stotra
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श्रीगणेशस्तोत्र - । नारद उवाच । प्रणम्य श...
गणपती स्तोत्रे
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श्रीगणेशस्तोत्र - नारद उवाच । प्रणम्य शिरस...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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मानसगीत सरोवर - कुसुम स्वर्गिचे नारद हरि ...
भगवंताच्या लीला, त्याचे स्वरूप, अवतारकृत्ये व प्रत्येक अवतारातील अनेकविध प्रसंग, यावर आधारीत भजनांचा संग्रह, म्हणजेच मानसगीत सरोवर.
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शनैश्चरस्तवराजः - नारद उवाच- ध्यात्वा गणपति...
मनुष्य आपल्या पूर्व जन्मींच्या कर्मानुसार हा जन्म भोगत असतो, पण या जन्मीच्या सर्व पीडा नवग्रहांच्या पूजा अर्चा करून जीवन सुखमय बनवू शकतो.
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शनैश्चरस्तवराजः - नारद उवाच ध्यात्वा गणपतिं...
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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अश्वत्थ स्तोत्रम् - श्री नारद उवाच अनायास...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे.
A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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उत्तरभागः - अध्यायः ३
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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श्री नारदीयमहापुराणम् - नामैकाशीतितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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श्री नारदीयमहापुराणम् - नामाशीतितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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श्रीनारदभक्तिसूत्रें - सूत्र ३३
नारद भक्ति सूत्र या ग्रंथाचे रसाळ निरूपण संत केशवराज महाराज देशनुख यांनी केले आहे.
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श्रीनारदभक्तिसूत्रें - सूत्र ३५
नारद भक्ति सूत्र या ग्रंथाचे रसाळ निरूपण संत केशवराज महाराज देशनुख यांनी केले आहे.
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