Dictionaries | References अं अंधळ्या गायींत लंगडी गाय प्रधान Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 अंधळ्या गायींत लंगडी गाय प्रधान मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | Marathi Marathi | | जेथें सर्व अंधळ्या गायी आहेत तेथें एकहि डोळस गाय, मग ती लंगडी असो, तीच अधिक शाहणी ठरणार. कारण बाकीच्यांना कांहींच दिसत नसल्यामुळें त्यांजवळ पूर्ण अज्ञान असतें. तेव्हां व्यंग असूनहि अल्प ज्ञानी जरी एखादा मनुष्य असला तरी तो अडाणी लोकांत पंडितासारखा मानला जातो. जेथे सर्व लोक पूर्णपणें अडाणी असतात तेथे अल्प ज्ञानीहि शहाणा ठरतो. पाठभेद-वासरांत लंगडी गाय शहाणी. Related Words अंधळ्या गायींत लंगडी गाय प्रधान लंगडी वासरांत लंगडी गाय प्रधान प्रधान गाय दुदाळ गाय दुधारू गाय दुभती गाय प्रधान-मन्त्री प्रधान व्यक्ति ग्राम प्रधान प्रधान अध्यापिका वियेल्ली गाय तानी गाय पाडी (गाय) कलोर गाय वासरांत लंगडी गाय शहाणी मोसौ गाय लंगडी गाय गांवकुशीं चरेना milch cow प्रधान शिक्षिका स्त्रीगवी महान्गरपालिका प्रधान कृषि प्रधान हेंगडी प्रधान हेगडी प्रधान प्रधान अध्यापक अष्ट प्रधान प्रधान कार्यालय अंधळ्या प्रधान कम्पास बिंदु प्रधान कम्पास बिन्दु प्रधान दिक्सूचक बिंदु गाय बकुला गाय बगला गाय मोसौ दुधड गाय दुधार गाय दुधाळू गाय दुधैल गाय तान्ही गाय गोवर्धनी गाय प्रधान दिक्सूचक बिन्दु कपिला गाय पांढरी गाय गाय होणें तांबडी गाय धर्माची गाय नील गाय अल्लाची गाय गाय बगुला भुंडी गाय गाई अंधळ्या कारण दीपाचें न पडे जाण कसाबास गाय धरजिणी राजा अज्ञ आणि प्रधान समयज्ञ अडली गाय फटके खाय premier गाय माय सारखी लवाई शेंला शेळी, हजारास गाय जेथे गाय तेथे वासरूं धर्माची गाय, तोंडाकडे पाहाय मेरी गाय बह्मनको दान कसायाला गाय धारजिणी बावरली गाय, कांटे खाय म्हातारी गाय ब्राह्मणाला दान milcher milk cow milker dairy cattle dairy cow এক পায়ে ধরাধরি अडकली गाय, फटके खाय मरी गाय बम्हनको दान खाटकाला शेळी (गाय) धारजिणी धर्माची गाय, कांट्या खाय अंधळ्या सरी नाजून आनी बहिर्यासरी गावन उपयोग किते (गो) अरुणी moo-cow ଅରୁଣା गरीबाची गाय आणि तोंडाकडे पाह्य जेथें गाय व्याली, तेथेंच खूर खांडावे कृषिप्रधान धर्माची गाय, कांटे (कांटया) खाय गाय अपवित्र आणि शेपूट पवित्र नीलगाय لنگڑی لٔنٛگڑی ଲଙ୍ଗଡ଼ି ਲੰਗੜੀ സംഭോഗൻ cardinal দুধেল গাভী ਦੁੱਧਲ ਗਾਂ ଦୁଧିଆଳୀ ଗାଈ દુધારી ગાય central गाय माय, तिची सेवा करीत जाय गाय तर विकावयास पाही, दुधावांचून सरत नाहीं Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP