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पिंगल

   
Script: Devanagari

पिंगल     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  भैरव राग का एक पुत्र   Ex. पिंगल के गाने का समय सुबह है ।
ONTOLOGY:
गुणधर्म (property)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
पिंगलराग पिङ्गल पिङ्गलराग
Wordnet:
benপিঙ্গল
gujપિંગલ
kasپِنٛگل , پِنٛگل راگ
kokपिंगल
marपिंगल
oriପିଙ୍ଗଳ ରାଗ
panਪਿੰਗਲ
sanपिङ्गलः
tamபிங்கல்
urdپنگل , پنگل راج
See : पीतल, चातक, छंदशास्त्र, तामड़ा, हरताल

पिंगल     

पिंगल n.  एक छंदःशास्त्रज्ञ आचार्य एवं छंदःशास्त्र नामक सुविख्यात ग्रंथ का कर्ता । इसे पिंगलाचार्य या पिंगल नाग कहते थे (भट्ट हलायुध टीका) । कई विद्वानों के अनुसार, यह सम्राट अशोक का गुरु था । किन्तु ‘पानिनिशिक्षा’ की ‘शिक्षाप्रकाश’ नामक टीका के अनुसार ‘छ्न्दशास्त्र’ का रचयिता पिंगल, वैयाकरण पाणिनि का अनुज था [शिक्षासंग्रह पृ. ३८५] : कात्यायन के सुविख्यात वृत्तिकार षड्‌गुरुशिष्य का भी यही मत है [वेदार्थदीपिका पृ.९७] । अन्य विद्वानों के अनुसार यह पाणिनि का मामा था ।
पिंगल n.  छन्दःशास्त्र को छः वेदांगों में से एक गिना जाता है । पाणिनि के गणपाठ में छन्दःशास्त्र के छंदोविजिति, छंदोविचिति, छंदोमान तथा छंदोभाषा ये चार पर्याय प्राप्त है [ऋ.गयनादिगण ४.३.७३] । शेष पॉंच वेदांग इस प्रकार हैं, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त तथा ज्योतिष । छन्दःशास्त्रविषयक प्राचीनतम उपलब्ध ग्रन्थ ‘ऋप्रातिशाख्य’ है । उस ग्रंथ का मुख्य विषय व्याकरण है, किंतु उसमें वैदिक छंदों पर भी प्रकाश डाल गया है । ‘ऋक्प्रातिशाख्य’ में उपलब्ध छंद विषयक जानकारी काफी अधूरी है, इसी कारण पिंगल का ‘छंदःशास्त्र’ वेदांग का सर्वाधिक प्राचीन एवं महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ माना जाता है । इसमें वैदिक छंदों के साथ लौकिक छंदों पर भी प्रकाश डाला गया है । इस ग्रन्थ में आरंभ से चौथे अध्याय के सातवें सूत्र तक, वैदिक छंदों की जानकारी दी गयी है । शेष अवशिष्ट ग्रन्थ में लौकिक छंदो-की चर्चा की गयी है । इसी ग्रन्थ का एक संस्करण ‘प्राकृतपिम्गल’ नाम से प्रसिद्ध है, जिसमें प्राकृत के छन्दों की जानकारी दी गयी है। ‘प्राकृतपिंगल’ का रचनाकाल १४ वीं शती माना जाता है ।
पिंगल n.  छन्दःशास्त्र के प्रवर्तक भगवान् शिव माने गये हैं । छन्दःशास्त्र की गुरुपरंपरा इस प्रकार दी गयी हैः---शिव-बृहसप्ति-दुश्च्यवन-इंदु-मांडव्य-पिंगल ।
पिंगल n.  अग्निवेश्य, आंगिरस, काश्यप [छन्द.७.९] , कौशिक [छन्द.३.६६] , क्रौष्टुकि [छन्द.३.२९] , गौतम [छन्द.३.६६] , ताण्डिन् [छन्द.३.३६] , भार्गव [छन्द.३.६६] , माण्डव्य [छन्द.७.३४] , यास्क [छन्द.३.३०] , रात [छन्द.७.३४] , वसिष्ठ [छन्द.३.६६] , सैतव [छन्द.५.१८]
पिंगल II. n.  कश्यप तथा कद्रू से उत्पन्न एक नाग [म.आ.३१.९]
पिंगल III. n.  भृगुकुल का एक ऋषि । यह जनमेजय के सर्पसत्र में सदस्य [म.आ.४८.६] । इसी नाम के एक और ऋषि का निर्देश महाभारत में अन्यत्र प्राप्त है [म.आ.४८.७] । पाठभेद-‘बोलपिंगल’।
पिंगल IV. n.  एक यक्षराज, जो भगवान शिव का सखा था । यह शिव की रक्षा के लिए श्मशानभूमि में निवास करता था [म.व.२२१.२२]
पिंगल IX. n.  एक राक्षस । भीम नामक एक व्याध शिकार के लिए अरण्य में धूम रहा था । उस समय पिंगल राक्षस उसके पीछे लग गया । फिर भीम शमी के पवित्र पेड पर चढ गया । पेड पर चढते समय, शमी की एक टहनी टूट कर, नीचे स्थित गणेशजी की मूर्ति पर गिर पडी । इस पुण्यकर्म के कारण, भीम, व्याध एवं पिंगल राक्षस का उद्धार हो गया [गणेश. २.३६]
पिंगल V. n.  सूर्य के ‘अठारह विनायक’ नामक अनुचरों में से एक । सूर्य के द्वारा प्राप्त वरदान के बल पर, दैत्यों ने देवों को त्रस्त करना प्रारंभ किया । तब उन दैत्यों का संहार करने के हेतु, ब्रह्मादि देवों ने ‘अठारह विनायक’ नामक सशस्त्र अनुचरों का एक दल सूर्य के पास तैनात किया । उनमें से पिंगल नामक अग्नि की योजना सूर्य के दक्षिण दिशा में की गयी । यह अग्नि का वर्ण ‘पिंगल’ होते के कारण, इसे यह नाम प्राप्त हुआ था [साम्ब. १६] ;[भवि. ब्राह्म. ५६,७६,११७]
पिंगल VI. n.  पुरुकुत्स नगर का एक, दुराचारी ब्राह्मण । इसकी पत्नी व्याभिचारिणी थी, जिसने इसका वध किया । अगले जन्म में, इसकी पत्नी को तोते का एवं इसे गीध का जन्म प्राप्त हुआ । पूर्वजन्म की शत्रुता याद कर के, गीध (पिंगल) ने तोते का वध किया । बाद में एक व्याध ने इसका भी वध किया । पश्चात् गंगातट पर रहनेवाले बटु नामक ब्राह्मण ने गीता के पॉंचवें अध्याय को सुनाकर इनका उद्धार किया । इस प्रकार इन दोनों को पितृलोक की प्राप्ति हुई [पद्मौ.१७९]
पिंगल VII. n.  एकादश रुद्रो में से एक । ब्रह्मा ने अपनी ग्यारह कन्याओं से विवाह कर, ‘एकादश रुद्र’ नामक ग्यारह पुत्रों को उत्पन्न किया । उनमें पिंगल एक था [पद्म. सृ.४०]
पिंगल VIII. n.  कश्यप एवं सुरभि का पुत्र [शिव. रुद्र. १८]
पिंगल X. n.  ०. सूर्य का एक अनुचर, एवं लेखक [भवि. ब्राह्म.५६, ७६, १२४]

पिंगल     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  भैरव रागाचो एक पूत   Ex. पिंगल गावपाचो वेळ सकाळचो आसता
ONTOLOGY:
गुणधर्म (property)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benপিঙ্গল
gujપિંગલ
hinपिंगल
kasپِنٛگل , پِنٛگل راگ
marपिंगल
oriପିଙ୍ଗଳ ରାଗ
panਪਿੰਗਲ
sanपिङ्गलः
tamபிங்கல்
urdپنگل , پنگل راج

पिंगल     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  एक राग   Ex. पिंगल हा राग गाण्याची वेळ सकाळची आहे.
ONTOLOGY:
गुणधर्म (property)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
पिंगल राग
Wordnet:
benপিঙ্গল
gujપિંગલ
hinपिंगल
kasپِنٛگل , پِنٛگل راگ
kokपिंगल
oriପିଙ୍ଗଳ ରାଗ
panਪਿੰਗਲ
sanपिङ्गलः
tamபிங்கல்
urdپنگل , پنگل راج

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