हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|मार्गशीर्षके व्रत|मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत| कृच्छ्रचतुर्थी मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत शुक्लैकादशी व्यञ्जनद्वादशी द्वादशादित्यव्रत जनार्दनपूजा अनङ्गत्रयोदशी यमादर्शन पिशाचमोचनयात्रा शिवचतुर्दशीव्रत शुक्लैकादशी व्यञ्जनद्वादशी द्वादशादित्यव्रत कृच्छ्रचतुर्थी वरचतुर्थी नागपञ्चमी श्रीपञ्चमी त्रितयसप्तमी मित्रसप्तमी भद्रासप्तमी निक्षुभार्कचतुष्ट्य नन्दिनी पदार्थदशमी धर्मत्रयव्रत दशादित्यव्रत मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत - कृच्छ्रचतुर्थी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalmargashirshavratमहिनामार्गशीर्षव्रतसण कृच्छ्रचतुर्थी Translation - भाषांतर कृच्छ्रचतुर्थी ( स्कन्दपुराण ) - यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थीसे आरम्भ होकर प्रत्येक चतुर्थीको वर्षपर्यन्त करके फिर दूसरे, तीसरे और चौथे वर्षमें करनेसे चार वर्षमें पूर्ण होता है । विधि यह है कि पहले वर्षमें ( मार्गशीर्ष शुक्ल ४ को ) प्रातःस्त्रानके पश्चात् व्रतका नियम ग्रहण करके गणेशजीका यथाविधि पूजन करे । नैवेद्यमें लड्डू - तिलकुटा, जौका मँडका और सुहाली अर्पण करके ' त्वत्प्रसादेन देवेश व्रतं वर्षचतुष्टयम् । निर्विघ्रेन तु मे यातु प्रमाणं मूषकध्वज ॥' ' संसारार्णवदुस्तारं सर्वविघ्रसमाकुलम् । तस्माद् दीनं जगन्नाथ त्राहि मां गणनायक ॥' से प्रार्थना करके एक बार परिमित भोजन करे । इस प्रकार प्रत्येक चतुर्थीको करता रहकर दूसरे वर्ष उसी मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थीको यथापूर्व नियम - ग्रहण, व्रत और पूजा करके नक्त ( रात्रिमें एक बार ) भोजन करे । इसी प्रकार प्रत्येक चतुर्थीको वर्षपर्यन्त करके तीसरे वर्ष फिर मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थीको व्रत - नियम और पूजा करके अयाचित ( बिना माँगे जो कुछ जितना मिले उसीका एक बार ) भोजन करे । इस प्रकार एक वर्षतक प्रत्येक चतुर्थीको व्रत करके चौथे वर्षमें उसी मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थीको नियम - ग्रहण, व्रत - संकल्प और पूजनादि करके निराहार उपवास करे । इस प्रकार वर्षपर्यन्त प्रत्येक चतुर्थीको व्रत करके चौथा वर्ष समाप्त होनेपर सफेद कमलपर ताँबेका कलश स्थापन करके सुवर्णके गणेशजीका पूजन करे । सवत्सा गौका दान करे, हवन करे और चौबीस सपत्नीक ब्राह्मणोंको भोजन करवाकर वस्त्राभूषणादि देकर स्वयं भोजन करे तो इस व्रतके करनेसे सब प्रकारके विघ्र दूर हो जाते हैं और सब प्रकारकी सम्पत्ति प्राप्त होती है । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP