मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत - भद्रासप्तमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


भद्रासप्तमी

( भविष्योत्तर ) -

इसी दिन ( मार्गशीर्ष शुक्ल ७ को ) घी - दूध और इक्षु ( गन्ने ) के रससे सूर्यको स्त्रान करवाकर उपवास करे और अष्टमीको पारण करके भोजन करे ।

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Last Updated : January 22, 2009

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