हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|मार्गशीर्षके व्रत|मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत| मित्रसप्तमी मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत शुक्लैकादशी व्यञ्जनद्वादशी द्वादशादित्यव्रत जनार्दनपूजा अनङ्गत्रयोदशी यमादर्शन पिशाचमोचनयात्रा शिवचतुर्दशीव्रत शुक्लैकादशी व्यञ्जनद्वादशी द्वादशादित्यव्रत कृच्छ्रचतुर्थी वरचतुर्थी नागपञ्चमी श्रीपञ्चमी त्रितयसप्तमी मित्रसप्तमी भद्रासप्तमी निक्षुभार्कचतुष्ट्य नन्दिनी पदार्थदशमी धर्मत्रयव्रत दशादित्यव्रत मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत - मित्रसप्तमी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalmargashirshavratमहिनामार्गशीर्षव्रतसण मित्रसप्तमी Translation - भाषांतर मित्रसप्तमी ( निर्णयामृत ) - मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमीके पहले दिन वपन ( मुण्डन ) करावे, फिर स्त्रान करके उपवास करे । सप्तमीको सूर्यका आवाहनादि षोडशोपचार पूजन करके ब्राह्मणोंको भोजन करवाकर शहदमें भीगे हुए मधुरात्रका स्वयं भोजन करे । इस विषयमें ( ब्रह्मपुराणका ) यह मत है कि सूर्यनारायण किसीके बनाये हुए नहीं हैं । यह विष्णुके दक्षिण नेत्र और अदिति एवं कश्यपके पुत्र हैं । मित्र इनका नाम है । इस कारण इनकी मित्रसप्तमीको उपवास करके फलाहार करे और अष्टमीको ब्राह्मणों और नट - नर्तकादिको भोजन करवाकर मधुप्लावित अन्नका स्वयं भोजन करे । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP