-
सुकन्या
Meanings: 10; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 7.292069 | Lang: NA
-
सुकन्या
हिंदू धर्मातील पुराणे अतिप्राचीन असून त्यातील कथा उच्च संस्कृतीच्या प्रतिक आहेत.
Type: PAGE | Rank: 7.278273 | Lang: NA
-
मंदार मंजिरी - सुकन्या
भिन्न भिन्न वेळी भिन्न भिन्न मासिकात छापलेली अशी कांही आणि आजपर्यंत मुळींच कोठेहीं न छापलेली कवी विद्याधर वामन भिडे यांची कांही निवडक काव्ये.
Type: PAGE | Rank: 3.153085 | Lang: NA
-
سُکَنیا
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.02372 | Lang: NA
-
سوکنیا
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.02372 | Lang: NA
-
সুকন্যা
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.02372 | Lang: NA
-
સુકન્યા
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.02372 | Lang: NA
-
ਸੁਕੰਨਿਆ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.02372 | Lang: NA
-
ସୁକନ୍ୟା
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.02372 | Lang: NA
-
सौकन्य
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.1154133 | Lang: NA
-
सुमेधा
Meanings: 9; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.02856334 | Lang: NA
-
निध्रुव
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02856334 | Lang: NA
-
खंड २ - अध्याय ४१
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.02308266 | Lang: NA
-
शर्यात
Meanings: 7; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.02040239 | Lang: NA
-
अध्याय ५२ वा - श्लोक ११ ते १५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.01766898 | Lang: NA
-
नववा स्कंध - अध्याय ३
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
Type: PAGE | Rank: 0.01632191 | Lang: NA
-
देवदासाख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01632191 | Lang: NA
-
च्यवन भार्गव
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01596739 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३९०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.01428167 | Lang: NA
-
नवम स्कंधाचा सारांश
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
Type: PAGE | Rank: 0.01428167 | Lang: NA
-
प्रमति
Meanings: 15; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.01428167 | Lang: NA
-
बाला
Meanings: 40; in Dictionaries: 12
Type: WORD | Rank: 0.01428167 | Lang: NA
-
मंकणक
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01428167 | Lang: NA
-
लघुभागवत - अध्याय ५ वा
लघुभागवत हे एक उपपुराण आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01413519 | Lang: NA
-
श्रीमद्भागवताची आरती
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
Type: PAGE | Rank: 0.01224143 | Lang: NA
-
स्कंध ९ वा - अध्याय ३ रा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
Type: PAGE | Rank: 0.01224143 | Lang: NA
-
पातालखण्डः - अध्यायः १५
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.01020119 | Lang: NA
-
मध्यम भागः - अध्यायः ६१
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01020119 | Lang: NA
-
ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १६५
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01020119 | Lang: NA
-
श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय १
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
Type: PAGE | Rank: 0.01020119 | Lang: NA
-
पूर्वभागः - अध्यायः ६६
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.008160954 | Lang: NA
-
उत्तरार्ध - अध्याय २५ वा
हरिवंशांतल्या आर्यारचना आर्याभारताच्याच तोलाच्या आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.008160954 | Lang: NA
-
उत्तरार्धम् - अध्यायः २४
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.008160954 | Lang: NA
-
सूर्यवंश
Meanings: 18; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.007213333 | Lang: NA
-
संकेत कोश - संख्या ११
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
Type: PAGE | Rank: 0.007140835 | Lang: NA
-
११
Meanings: 40; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.007140835 | Lang: NA
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सतरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 0.007140835 | Lang: NA
-
श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय १
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
Type: PAGE | Rank: 0.007140835 | Lang: NA
-
ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ७
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007140835 | Lang: NA
-
दध्यञ्च्
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.007140835 | Lang: NA
-
सृष्टिखण्डः - अध्यायः ८
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्यी पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.006120716 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३९२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.006120716 | Lang: NA
-
लोमश
Meanings: 58; in Dictionaries: 10
Type: WORD | Rank: 0.006120716 | Lang: NA
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग चोविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 0.005100597 | Lang: NA
-
सृष्टिखण्डः - अध्यायः ९
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्यी पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.005100597 | Lang: NA
-
संकेत कोश - संख्या ५
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
Type: PAGE | Rank: 0.005100597 | Lang: NA
-
ययाति
Meanings: 27; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.005049333 | Lang: NA
-
अस्सल आणि इतर प्रतींचा अधिक तपशील
श्रीपतिनाथ विरचित श्रीसिद्धचरित्र ग्रंथ शके १८०५ (इ.स.१८८३) मध्ये लिहीला.
Type: PAGE | Rank: 0.004080477 | Lang: NA
-
हर्षचरितम् - प्रथम उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 0.004080477 | Lang: NA
-
श्री नृसिंह सरस्वती
दत्त संप्रदायातील सत्पुरूष
Type: PAGE | Rank: 0.004080477 | Lang: NA