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अहल्या

   { ahalyā }
Script: Devanagari

अहल्या     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
AHALYĀ   Turned into stone by the curse of her husband, Gautama. Ahalyā was a princess of the Pūru dynasty.
1) Genealogy.
Descended in order from Viṣṇu as follows: Brahmā-Atri-Candra-Budha-Purūravas-Āyus-Nahuṣa- Yayāti-Pūru-Janamejaya-Prācinvā-Pravīra-Namasyu- Vītabhaya-Śuṇḍu-Bahuvidha-Saṁyāti-Rahovādi- Raudrāśva-Matināra-Santurodha-Duṣyanta-Bharata- Bṛhatkṣetra-Hasti- Ajamīḍha-Nīla- Śānti-Śuśānti- Puruja- Arka-Bharmyaśva-Pāñcāla-Mudgala-Ahalyā.
2) How Ahalyā got a curse and became a stone.
The story of how Ahalyā was cursed by her husband, Gautama, and was turned into a stone is told in different versions in different purāṇas. The following is the version in the [Vālmīki Rāmāyaṇa] . When Viśvāmitra was taking back Rāma and Lakṣmaṇa from the forest to the palace of Janaka they came across an āśrama on their way. Giving details about that āśrama Visvāmitra told the princes thus: “This is the āśrama where the sage, Gautama, was living with his wife, Ahalyā. Indra fell in love with the beautiful Ahalyā and while the sage was out for bathing Indra entered the āśrama in the disguise of the sage himself and took bed with her. But before Indra could get out Gautama himself came to the āśrama and enraged at what he saw, cursed them both. Indra was to lose his testicles and Ahalyā was to turn into a stone. But taking pity on her the sage declared that she would take her original form the moment Rāma of tretā yuga came to that place and touched the stone by his foot. Testicleless Indra went to devaloka and there his friends feeling sorry for him, substituted a goat's testicle and got him to normal.” While Viśvāmitra was talking to the princes, Śrī Rāma's foot touched the stone and Ahalyā stood up in all beauty. Ahalyā and Gautama lived in the same āśrama again for another long period. In [Kathāsaritsāgara] this story is told in a slightly different yet more interesting way. As soon as Gautama entered the āśrama Indra turned himself into a cat. Angrily the sage questioned Ahalyā, “who was standing here when I came in?” Ahalyā replied, “Eso thiyo khu majjara” (Eṣaḥ sthitaḥ khalu mārjjāraḥ). It was a cat which was standing there. Here Ahalyā used a pun on the word ‘majjara’ and tried to be honest. ‘Majjara’ is the Prakrit form of the word ‘mārjjāraḥ’ which means cat. But ‘majjara’ has another meaning also. (ma=mine jāra=lover i.e. majjāra=my lover). So Ahalyā did not lie to her husband. [Kathāsaritsāgara, Lāvānakalambaka] .
3) How Ahalyā happened to bring up the mighty monkeys, Bāli and Sugrīva.
Once Aruṇa, the charioteer of Sūrya (the Sun) went to devaloka to see the dance of the celestial maidens there. Since there was no admission to the dance for men Aruṇa disguised himself as Āruṇidevī and sought admission; seeing the beautiful form of Āruṇidevī Indra fell in love with her and that night a child was born to Indra by her. On the advice of Indra Āruṇidevī took the child to Ahalyā before daybreak and left it there to be looked after by her. It was this child which later on became the famous Bāli. Aruṇa went a bit late that morning to his master, the Sun. The latter wanted an explanation and Aruṇa told him what had happened. The Sun then asked Aruṇa to become Āruṇidevī again and seeing the enchanting figure the Sun also got a child of her. This child also was taken to Ahalyā and it was this child that later on became the famous Sugrīva.

अहल्या     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
adjective  जो जमीन जोती न जा सके   Ex. ठाकुर साहब अपनी अहल्या भूमि पर एक फैक्ट्री बनवा रहे हैं ।
MODIFIES NOUN:
क्षेत्र
ONTOLOGY:
अवस्थासूचक (Stative)विवरणात्मक (Descriptive)विशेषण (Adjective)
Wordnet:
malഅഹല്യയുടെ
See : अहिल्या

अहल्या     

अहल्या n.  इसका निर्देश शतपथ ब्राह्मण मे अहल्या मैत्रेयी नाम से मिलता है [श. ब्रा. ३.३.४.१८] ;[जै. ब्रा. २.७९] ;[ष. ब्रा.१.१]
अहल्या n.  इसका पिता मुद्‌गल [भा. ९.२१] वध्र्‍यश्व को मेनका से यह कन्या हुई [ह. वं. १.३२] । यह ब्रह्ममानसपुत्री है । ब्रह्मदेव ने इसे अत्यंत सुन्दर निर्माण किया । हल का अर्थ हैं विरुपता, तथा हल्य का अर्थ है विरुपता के कारण प्राप्त निंद्यत्व । इसे हल्य न होने के कारण, ब्रह्मदेव ने इसका नाम अहल्या रखा [वा.रा.उ.३०.२५] । आगे चल कर, ब्रह्मदेव ने इसे शरद्वत गौतम के पास अमानत के रुप में रखा । उपवर होने पर उसने इसे ब्रह्मदेव पास वापस दे दिया ।
अहल्या n.  शरद्वत गौतम मुनि का जितेंन्द्रियत्त्व तथा तपःसिद्धि देख कर, ब्रह्मदेव ने यह कन्या उसे भार्या कह कर दी [वा.रा.उ. ३०.२९] ;[विष्णु.४.१९] ;[मत्स्य.५०] । परंतु इन्द्र, वरुण, अग्नि इ. देव, दानव, अथा अन्य राक्षसों के मन में भी इसके प्रति अभिलाषा थी । तब प्रत्येक के सामर्थ्य की परीक्षा देखी जावे, इस हेतु से ब्रह्मदेव ने निश्चय किया कि, जो व्यक्ति सर्वप्रथम पृथ्वी प्रदक्षीणा करेगा , उसे ही यह कन्या दी जावेगी । अहल्या के अभिलाषी प्रदक्षिणा करने लगे । परंतु अर्धप्रसूत धेनु पृथ्वी ही होने के कारण, गौतम ने उसकी प्रदक्षिणा की, तथा एक लिंग की प्रदक्षिणा कर के, वह ब्रह्मदेव के पास गया । गौतम प्रथम आया ऐसा जान कर, ब्रह्मदेव ने उसे अपनी कन्या दी । देवता, एक के पश्चात् एक, आने लगे । परंतु उन्हें मालूम हुआ कि, अहल्या तथा गौतम का विवाह हो गया । यह वार्ता सुन कर, इन्द्र को बहुत दुःख हुआ, क्यों कि, इन्द्र इससे प्रेम करता था । विवाहोपरान्त गौतम तथा अहल्या ब्रह्मगिरी पर रहने के लिये गये ।
अहल्या n.  कुछ दिन बाद, गौतम को आश्रम से बाहर गया देख कर, इन्द्र गौतम के रुप में इसका उपभोग करने के लिये आया । गणेशपुराण में दिया है किं नारदद्वारा अहल्या के रुप की स्तुति की जाते ही, कामुक बन कर इन्द्र आया । तब पतिव्रताधर्मानुसार उसका तथा इसका समागम हुआ [ब्रह्म. ८७,१२२] ;[म.उ.१२] ;[वा.रा.उ.३०. ३२] ;[स्कंद.१.२.५२] । इंद्र काफी दिनों तक लगातर इसके यहॉं आता था, ऐसा उल्लेख ब्रह्मपुराण में है । परंतु यह इंद्र है ऐसा जान कर भी, इसने उससे समागम किया । उसके शरीर के दिव्य सुगंध से अहल्या ने यह जान लिया कि, यह मेरा पति नही है [वा.रा.बा.४८.१९] । इतने में गौतम ऋषि आया । तब इन्द्र तथा अहल्या को बहुत डर लगा । दो घटिकाओं के बाद यह सामने आई, तथा पति का पदस्पर्श कर के इसने संपूर्ण वार्ता बताई [गणेश. १.३०] । गौतम रोज नदी पर स्नान के लिये जाने पर भी, दूसरा गौतम विद्यार्थियों को दिखता था । एक बार जब इन्द्र भीतर था, तब गौतम के आते ही, विद्यार्थियों ने उसे भीतर गौतम दिखाया । तब क्रोधित हो कर गौतम ने इन्द्र तथा अहल्या को शाप दिया ।
अहल्या n.  गौतम इन्द्र को शाप देनेवाला ही था कि, वह मार्जार के रुप में जल्दी जल्दी भागने लगा । गौतम को शंका आई, तथा डॉंट कर ‘कौन हैं? ऐसा उसने पूछा । तब इन्द्र मूर्तिमन्त उसके सामने खडा हो गया [ब्रह्म. ८७. सृ. ५०] ;[गणेश. १.३१] । तब गौतम ने उसे शाप दिया कि, तुम शत्रूओं के द्वारा पराभूत होगे । मनुष्यलोक में जारकर्म प्रारंभ करनेवालों के तुम उत्पादक हो, अतएव प्रत्येक जारकर्म का आधा पाप तुम्हारे माथे लगेगा । देवराजों को अक्षयस्थान कभी प्राप्त न होगा [वा.रा.उ.३०] ;[ब्रह्म.१२२] । तुम्हारे शरीर को सौ छेद हो जार्वेंगे [म. अनु.४१,१५३] ;[ब्रह्म. ८७] ;[पद्म. सृ. ५०] । तुम वृषणरहित हो जाओगे [वा.रा.बा.४८] ;[लिंग. १.२९] । तदनंतर अहल्या की ओर मुडकर गौतम ने कहा, किसी को भी नही दिखोगी ऐसे रुप में तुम्हारा विध्वंस हो जावेगा, तथा तुम्हारे रुप का सर्वत्र विभाजन हो जावेगा । राम जब यहॉं आवेगें तब तुम्हारा उद्धार होगा [वा.रा.बा.४८] ; उ. ३० । तुम शिला बन जाओगी [आप. आ. सार.१.३] ;[स्कंद.१.२.५२] ;[गणेश.१.३१] । जनस्थान में तुम एक शुष्क नदी बनोगी [आ.रा.सार.१.३] ;[ब्रह्म.८७] । तुम्हारे देह पर केवल अस्थिचर्म रहेगा । सजीव प्राणियों के समान तुम्हारे शरीर पर मांस तथा नख उत्पन्न नही होगें, तथा तुम्हारे इस रुप के कारण स्त्रियों के मन में पापकर्म के प्रति दहशत उत्पन्न हो जावेगी [पद्म. सृ. ५४] । इसपर अहल्या ने प्रार्थना की कि, इन्द्र आपका रुप धारण कर के आया था, इसलिये मैं पहचान न सकी । शरद्वत गौतम ने ध्यानस्थ हो कर यह जान लिया कि, यह अपराधी नही है, तथा उःशाप दिया कि, राम जब यहॉं आवेगा तब अपने पादस्पर्शं से तुम्हारा उद्धारा करेगा [वा.रा.बा.४८.४९] ;[वा.रा.उ. ३०] ;[गणेश. १.३१] । इसकी मुक्ति के लिये गौतम ने कोटितीर्थ पर तप किया । तब यह मुक्त हुई । उससे अहल्यासरोवर निर्माण हुआ । उस आनंद के कारण ही, गौतम ने गौतमेश्वर लिंग की स्थापना की [स्कंद.१.२.५२] । गोदावरी के साथ तुम्हारा संगम होने पर तुम पूर्ववत् बनोगी, ऐसा भी इसे उःशाप था [ब्रह्म.८७] । शाप से मुक्त होने के पश्चात, यह पुनः पति के सहवास में गई । शाप के पूर्व इसे शतानन्द नामक पुत्र था । वह निमिवंशीय राजाओं का उपाध्याय था [वा.रा.बा.५१] ;[आ.रा.सार.१०३] । इसे दिवोदास नामक भाई था [भा.९.२१] ;[ह. वं. १.३२] । वह उत्तर पंचाल का राजा था । ‘अहल्यायै जार’ ऐसा इंन्द्र का गौरवपूर्ण वर्णन वेदों में है । इससे प्रतीत होता है कि, इंद्र-अहल्या कीं कथा रुपकात्मक होनी चाहिये ।
अहल्या n.  इसने उत्तंक नामक अपने पति के शिष्य को सौदास की पत्नी के कुंडल गुरुदक्षिणा में लाने के लिये कहा था [म.आश्व.५५] । इन्द्र के द्वारा इसके साथ किया गया व्यभिचार देवों के कार्य के लिये ही किया गया । क्योंकि, गौतम का तप अधिक हो गया था, अतएव उसका क्षय आवश्यक था [वा.रा.बा.४९] । इसे गौतमी भी कहा गया है [ब्रह्म.८७] । महर्षि गौतम के वन में अहल्याद्वारतीर्थ प्रसिद्ध है [म.व.८२.९३]
अहल्या n.  अहल्या तथा इन्द्र के संबंध की कथा रुपकात्मक है, ऐसा ब्राह्मणग्रंथ जैमिनीसूत्रों से प्रतीत होता है । (१) अहल्या रात्रि हैं, गौतम चन्द्र है तथा इन्द्र को सूर्य मान कर, यह रुपककथा निर्मित की गई है । उसका स्पष्टीकरण करते हुए बताया जाता है कि, इन्द्ररुपी सूर्य ने अहल्या रुपी रात्रि का घर्पण किया । यह एक निसर्गदृश्य है [श. ब्रा.३.३.४.१८] । डॉ. रवीन्द्रनाथ टागोरजी ने अहल्या का रामद्वारा उद्धार का जो विवरण किया है वह सुन्दर है । (२) हल का अर्थ है नांगर, हल्या का अर्थ जोती हुई जमीन, तथा अहल्या का अर्थ है वंजर जमीन । अगस्त्य ऋषि ने दक्षिण में प्रथम वास किया, अर्थात् दक्षिण की अहल्या जमीन हल्या कर के उसका उद्धार किया, तथा उस अहल्या भुमि की शाप से मुक्तता की। इस प्रकार राम ने अहल्या का उद्धार किया, इसका अर्थ है, उसेन दक्षिण की बंजर भुमि उर्वरा बनाई ।
अहल्या II. n.  इन्द्रद्युम्नपत्नी । यह इन्द्रु ब्राह्मण से रत हुई । इसके स्थूल शरीर को सजा दे कर कुछ लाभ नही हुआ, क्यो कि, यह मनोमय शरीर से तादाम्य हुई थी [यो. वा.३.८९.८१]

अहल्या     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  गौतम ऋषींची पत्नी   Ex. रामाच्या चरणस्पर्शाने शिळा बनलेल्या अहल्येचा उद्धार झाला
HOLO MEMBER COLLECTION:
पंचकन्या
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
asmঅহল্যা
benঅহল্যা
gujઅહલ્યા
hinअहिल्या
kanಅಹಲ್ಯ
kokअहिल्या
malഅഹല്യ
mniꯑꯍꯤꯂꯌ꯭ꯥ
oriଅହଲ୍ୟା
panਅੱਹਲਿਆ
sanअहल्या
tamமைத்ரேயி
telఅహల్యా
urdاہلیہ , گوتمی , میتری

अहल्या     

 स्त्री. 
वि.  निष्पाप ; पवित्र . ( सं .)
गौतमस्त्री . पांच पतिव्रतांपैकीं एक .
( ल . ) पतिव्रता स्त्री .

अहल्या     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
अ-हल्या  f. f.N. of the wife of गौतम or शरद्वत्, [ŚBr. iii, &c.] ; [MBh.] &c.
ROOTS:
हल्या
N. of an अप्सरस्, [L.]
of a lake (cf.[MBh. iii, 8087] ), [L.]

अहल्या     

noun  क्रष्टुं   Ex.
MODIFIES NOUN:
क्षेत्रम्
ONTOLOGY:
अवस्थासूचक (Stative)विवरणात्मक (Descriptive)विशेषण (Adjective)
Wordnet:
kasبَنٛجَر
oriପଡ଼ିଆଜମି
urdاہلیا
noun  गौतमऋषेः पत्नी या तस्य अभिशापात् शिला अभवत्।   Ex. प्रभू रामचन्द्रस्य पदस्पर्शात् अहल्या औद्धरत्।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
गौतमी
Wordnet:
asmঅহল্যা
benঅহল্যা
gujઅહલ્યા
hinअहिल्या
kanಅಹಲ್ಯ
kokअहिल्या
malഅഹല്യ
marअहल्या
mniꯑꯍꯤꯂꯌ꯭ꯥ
oriଅହଲ୍ୟା
panਅੱਹਲਿਆ
tamமைத்ரேயி
telఅహల్యా
urdاہلیہ , گوتمی , میتری

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