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विच् ( cf. √ विज्) cl. 7. Ā. P. ( [Dhātup. xxix, 5] ) विन॑क्ति, विङ्क्ते (2. sg. विवेक्षि, [RV. vii, 3, 4] ; pf. विवेच, [AV.] , p. विविक्व॑स्, [RV.] aor. अवैक्षीत्Gr. ; fut. वेक्ता, वेक्ष्यति, ib.; inf. वेक्तुम्, [MBh.] ; ind. -विच्य. -वेचम्, [ŚrS.] ; [Kāv.] ), to sift, separate ( esp. grain from chaff by winnowing), [RV.] ; [AV.] ; to separate from, deprive of ( instr. ), [Bhaṭṭ.] ; to discriminate, discern, judge, [RV. iii, 57, 1] : Pass. विच्य॑ते ( aor. अवेचि), [AV.] &c.: Caus. -वेचयति ( aor. अवीविचत्) See वि-√ विच्: Desid. विविक्षतिGr. : Intens. (or cl. 3. See, [Dhātup. xxv, 12] ) वेवेक्ति[Kauś.] विच् [ cf. Gk. εἴκω; Lat. vices &c.]
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