सुमति n. (स्वा. प्रिय.) एक राजा, जो भरत एवं पंचजनी के पुत्रों में से एक था । यह स्वयं जैनधर्मीय था, एवं ऋषभदेव का अनन्य उपासक था । इसी कारण जैन लोग इसे देवता मानते है । इसकी वृद्धसेना एवं आसुरी नामक दो पत्नियाँ थी, जिनसे इसे क्रमशः देवताजित् एवं दंवद्युम्न नामक दो पुत्र उत्पन्न हुए
[भा. ५.१५.१-३] । इसके तेजस् नामक अन्य एकपुत्र का निर्देश भी प्राप्त है
[ब्रह्मांड. २.१४.६२] ।
सुमति (आत्रेय) n. एक आचार्य, जो विष्णु एवं ब्रह्मांड के अनुसार, व्यास की पुराणशिष्यपरंपरा में से रोमहर्षण नामक आचार्य का शिष्य था
[वायु. ६१.५६] ।
सुमति (शैब्या) n. सगर राजा की पत्नी, जो अरिष्टनेमि राजा की कन्या थी । सगर राजा से इसे साठ हज़ार पुत्र उत्पन्न हुए थे, जो ‘सागर’ नाम से प्रसिद्ध थे
[ब्रह्मांड. ३.३६.१५९] । भागवत में इसे विदर्भराजा की कन्या कहा गया है
[भा. ९.८.९] । इसे महती
[ब्रह्मांड. ८.६४] , एवं प्रभा यादवी
[मत्स्य. १२.४२] आदि नामान्तर भी प्राप्त थे । और्व ऋषि की कृपा से इसे साठ हज़ार पुत्र उत्पन्न हुए थे
[पद्म. उ. २०-२१] ;
[म. व. १०४-१०७] ;
[पद्म. उ. २०-२१] ;
[म.व. १०४-१०७] ;
[पद्म. उ. २०-२१] ;
[ब्रह्मवै. २.६१.१०] ; सगर देखिये ।
सुमति II. n. (सू. इ.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार नृग राजा का पुत्र, एवं भूतज्योतिस् नामक राजा का पिता था
[भा. ९.२.१७] ।
सुमति III. n. (सू. दिष्ट.) विशाल नगरी का एक राजा, जो दशरथ राजा का समकालीन था । यह सोमदत्त राजा का पुत्र, एवं जनमेजय राजा का पिता था । विष्णु एवं वायु में इसे क्रमशः ‘स्वमति’ एवं ‘प्रमाति’ कहा गया है, एवं इसे जनमेजय राजा का पुत्र कहा गया है । राम एवं लक्ष्मण जब विश्वामित्र के साथ मिथिला नगरी में जा रहे थे, उस समय वे कुछ काल तक इसके राज्य में ठहरे थे
[वा. रा. बा. ४८] ।
सुमति IV. n. (सो. पूरु.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार रंतिभार राजा का पुत्र, एवं रैभ्य राजा का पिता था
[भा. ९.२०.६] ।
सुमति IX. n. चंपक नगरी के हंसध्वज राजा का मुख्य प्रधान ।
सुमति V. n. (सो. द्विमीढ.) एक राजा, जो सुपार्श्र्व राजा का पुत्र, एवं सन्नतिमत् राजा का पिता था
[भा. ९.२१.२८] ।
सुमति VI. n. (सो. मगध. भविष्य.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार द्युमत्सेन राजा का पुत्र, एवं सुबल राजा का पिता था
[भा. ९.२२.४८] । मत्स्य में इसे ‘महिनेत्र’ कहा गया है ।
सुमति VII. n. एक ऋषि, जो सोमदत्त ऋषि का पुत्र, एवं जनमेजय ऋषि का पिता था । यह युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में उपस्थित था
[भा. १०.७४.८] ।
सुमति VIII. n. राम दशरथि के पुत्र लव की पत्नी ।
सुमति X. n. ०. बभ्रुवाहन राजा का सेनापति ।
सुमति XI. n. १. सावर्णि मनु के पुत्रों में से एक ।
सुमति XII. n. २. वरुणसभा का एक असुर
[म. स. ९.१३] ।
सुमति XIII. n. ३. (स्वा. प्रिय.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार गया राजा का पुत्र था ।
सुमति XIV. n. ४. नल राजा का पुरोहित (परा. मा. प्रस्तावना) ।
सुमति XIX. n. ९. एक दुष्ट महाराष्ट्रीय ब्राह्मण, जो वेंकटाचल में स्थित पुष्करिणी तीर्थ में स्नान करने के कारण मुक्त हुआ
[स्कंद. २.१.१४] ।
सुमति XV. n. ५. भृगुकुलोत्पन्न एक ब्राह्मण, जिसे अपने दस हजार जन्मों का स्मरण था । इसने अपने पिता को आत्मज्ञान सिखाया था
[मार्क. १०.१०-१८] ।
सुमति XVI. n. ६. अमिताभ देवों में से एक ।
सुमति XVII. n. ७. आभूतरजस् देवों में से एक ।
सुमति XVIII. n. ८. सुबाहु राजा का एक प्रधान
[पद्म. पा. २६] ।
सुमति XX. n. ०. एक दुष्ट ब्राह्मण, जो पापविनाशन तीर्थ में स्नान करने के कारण मुक्त हुआ
[स्कंद. २.१.१४] ।
सुमति XXI. n. १. एक ऋषि, जो शरशय्या पर पड़े हुए भीष्म से मिलने उपस्थित हुआ था
[म. अनु. २६.४] ।
सुमति XXII. n. २. वरुणसभा में उपस्थित एक राक्षस
[म. स. ९.१३] ।
सुमति XXIII. n. ३. वालिन् वानर की भगिनी ।