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पंचकोशविवेक प्रकरणम् - श्लोक ११ ते १५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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पंचकोशविवेक प्रकरणम् - श्लोक १६ ते २१
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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वामन पंडित - श्रीहरिगीता
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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वामन पंडित
वामन पंडितांच्या काव्य रचना म्हणजे मराठी काव्य प्रकारातील मैलाचे दगड होत.
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वामन पंडित - कर्मतत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - फळ तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - यत्न तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - भोग तत्त्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - प्रारब्ध तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - आत्म तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - वेद तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - जीव तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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कर्मतत्व - चैतन्य तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
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वामनपंडित कृत स्फुट काव्यें
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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नाम सुधा - अध्याय १
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय १ - चरण १
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय १ - चरण २
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय १ - चरण ३
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय १ - चरण ४
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय २
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय २ - चरण १
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय २ - चरण २
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय २ - चरण ३
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय २ - चरण ४
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय ३
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय ३ - चरण १
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय ३ - चरण २
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय ३ - चरण ३
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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नाम सुधा - अध्याय ३ - चरण ४
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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वामन पंडित - नाम सुधा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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वामन पंडित - साम्राज्यवामनटीका
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक १ ते २०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक २१ ते ४०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक ४१ ते ६०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक ६१ ते ८०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक ८१ ते १००
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक १०१ ते १२०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक १२१ ते १४०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक १४१ ते १५५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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वामन पंडित - वेणुसुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग १
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग २
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग ३
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - राजयोग
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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मुकुंदविलास
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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ध्यानमाळा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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प्रियसुधा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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तत्वमाळा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
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वामन पंडित - शुकाष्टक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - स्फूटश्लोक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - गीतार्णव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - चरमगुरुमंजरी.
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - वामनचरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - विश्वास वध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - दंपत्य चरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - भरत भाव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - रुक्मिणी पत्रिका
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - सीता स्वयंवर
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - रामजन्म
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - अहिल्योद्धार
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - लोपामुद्रा संवाद
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - यज्ञपत्न्याख्यान
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - कंसवध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - रुक्मिणी विलास
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - भामाविलास
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - चित्सुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामन पंडित - गजेंद्र मोक्ष
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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वामनपंडित - भरत जवळि नाहीं; मातुलगराम...
मराठी शब्दसंपत्ति
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