हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|मलूकदास|भजन संग्रह १| अब तेरी सरन आयो राम ॥१॥ ... भजन संग्रह १ हरि समान दाता कोउ नाहीं ।... सदा सोहागिन नारि सो , जाक... अब तेरी सरन आयो राम ॥१॥ ... साँचा तू गोपाल , साँच तेर... कौन मिलावै जोगिया हो , जो... तेरा , मैं दीदार -दीवाना ... दरद -दिवाने बावरे , अलमस्... हमसे जनि लागै तू माया । ... नाम हमारा खाक है , हम खाक... ऐ अजीज ईमान तू , काहेको ख... गरब न कीजै बावरे , हरि गर... ना वह रीझै जप तप कीन्हे ,... राम कहो राम कहो , राम कहो... दीनबन्धु दीनानाथ , मेरी त... भजन - अब तेरी सरन आयो राम ॥१॥ ... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajanmalukdasभजनमलूकदास भजन Translation - भाषांतर अब तेरी सरन आयो राम ॥१॥ जबै सुनियो साधके मुख, पतित पावन नाम ॥२॥ यही जान पुकार कीन्ही अति सतायो काम ॥३॥ बिषयसेती भयो आजिज कह मलूक गुलाम ॥४॥ N/A References : N/A Last Updated : December 20, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP