पुरुषन्ति n. एक वैदिक राजा, जिसने किसी गायक को उपहार प्रदान किये थे
[ऋ.९.५८.३] । ऋग्वेद में अन्य एक स्थान पर, इसे अश्विनों का आश्रित कहा गया है
[ऋ.१.११२.२३] । इन दोनों स्थानों पर, इसका निर्देश ध्वसन्ति एवं ध्वत्र राजाओं के साथ प्राप्त है । ऋग्वेद की एक दानस्तुति में, इसके एवं ध्वस्त्र राजा की स्तृति अवत्सार काश्यप ऋषि द्वारा की गयी है
[ऋ.९. ५९.३-४] । पंचविशं ब्राह्मण के अनुसार, ‘ध्वस्त्रा’ एवं ‘पुरुषन्ति’ ये दोनों स्त्रीलिंगी प्रयोग हैं एवं संभवतः किन्हीं स्त्रियों के नाम प्रतीत होते हैं
[पं.ब्रा.१३.७.१२] ।