राम रहीम करीम केशव अलख नाम एक साचा है ।
जिसकूं तुम बिसमिल्ला कहते । विष्णु हमारे सांई है ॥ध्रु०॥
बम्हन होकर जनवा पेने ब्रह्मनिकूं क्या पेहेनारे ।
जनम जनमकी घरमें भुजरनी । उनी परसा तुनें खायारे ॥२॥
सुंता करके पाक बन बैठे बीबीकूं क्या कियारे ।
खोलो किताबा साचो मिया काजी आधा हिंदु घरमेरे ॥३॥
कोई कहे करवा कोई कहे बदना । करवा बदना एकही है ।
कहत कबीरा सुनो नर अंधे । हरी हजरत दो एकही है ॥४॥