दिन दूलह मेरो कुँवर कन्हैया ।
नितप्रति सखा सिंगार सँवारत, नित आरती उतारति मैया ॥१॥
नितप्रति गीत बाद्यमंगल धुनि, नित सुर मुनिवर बिरद कहैया ।
सिरपर श्रीब्रजराज राजबित, तैसेई ढिग बलनिधि बल भैया ॥२॥
नितप्रति रासबिलास ब्याहबिधि, नित सुर-तिय सुमननि बरसैया ।
नित नव नव आनंद बारिनिधि, नित ही गदाधर लेत बलैया ॥३॥