भजन - दिन दूलह मेरो कुँवर क...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
दिन दूलह मेरो कुँवर कन्हैया ।
नितप्रति सखा सिंगार सँवारत, नित आरती उतारति मैया ॥१॥
नितप्रति गीत बाद्यमंगल धुनि, नित सुर मुनिवर बिरद कहैया ।
सिरपर श्रीब्रजराज राजबित, तैसेई ढिग बलनिधि बल भैया ॥२॥
नितप्रति रासबिलास ब्याहबिधि, नित सुर-तिय सुमननि बरसैया ।
नित नव नव आनंद बारिनिधि, नित ही गदाधर लेत बलैया ॥३॥
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Last Updated : December 21, 2007
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