हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|गदाधर भट्ट| है हरितें हरिनाम बड़ेरो... गदाधर भट्ट सखी , हौं स्याम रंग रँ... दिन दूलह मेरो कुँवर क... श्रीगोबिन्द पद -पल्लव स... नमो नमो जय श्रीगोबिंद ... हरि हरि हरि हरि रट र... है हरितें हरिनाम बड़ेरो... कबै हरि , कृपा करिहौ स... जयति श्रीराधिके सकलसुखस... जय महाराज ब्रजराज -कुल ... झूलत नागरि नागर लाल ।... आजु ब्रजराजको कुँवर बन... सुंदर स्याम सुजानसिरोमन... भजन - है हरितें हरिनाम बड़ेरो... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajangadadhar bhattaगदाधर भट्टभजन आसावरी Translation - भाषांतर है हरितें हरिनाम बड़ेरो ताकों मूढ़ करत कत झेरो ॥१॥ प्रगट दरस मुचुकुंदहिं दीन्हों, ताहू आयुसु भो तप केरो ॥२॥ सुतहित नाम अजामिल लीनों, या भवमें न कियो फिर फेरो ॥३॥ पर-अपवाद स्वाद जिय राच्यो, बृथा करत बकवाद घनेरो ॥४॥ कौन दसा ह्वै है जु गदाधर, हरि हरि कहत जात कहा तेरो ॥५॥ N/A References : N/A Last Updated : December 21, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP