दम्पत्यष्टमी
( हेमाद्रि ) -
पुत्रकी कामनावले स्त्री - पुरुषोंको चाहिये कि वे कार्तिक कृष्णाष्टमीको डाभकी पार्वती और शिव बनाकर उनका स्त्रान, गन्ध, अक्षत, पुष्प और नैवेद्यसे पूजन करें और उनके समीपमें ब्राह्मणका पूजन करके उसे दक्षिणा दें । ऐसा करनेसे पुत्रकी प्राप्ति होती है । इस व्रतमें चन्द्रोदयव्यापिनी तिथि लेनी चाहिये । यदि वह दो दिन हो या दोनों ही दिन न हो तो दूसरे दिन व्रत करना चाहिये ।