हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत| यम तर्पण कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत कार्तिकस्त्रान करकचतुर्थी दम्पत्यष्टमी कृष्णैकादशी गोवत्सद्वादशी नीराजनद्वादशी यम दीपदान धनत्रयोदशी गोत्रिरात्र रुपचतुर्दशी हनुमज्जन्म यम तर्पण दीपदान नरकचतुर्दशी कार्तिकी अमावास्या कौमुदी महोत्सव दीपावली लक्ष्मीपूजन कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - यम तर्पण व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण यम - तर्पण Translation - भाषांतर यम - तर्पण ( कृत्यतत्त्वार्णव ) - इसी दिन ( का० कृ० १४ को ) सायंकालके समय दक्षिण दिशाकी ओर मुँह करके जल, तिल और कुश लेकर देवतीर्थसे ' यमाय धर्मराजाय मृत्यवे अनन्ताय वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय औदुम्बराय दध्राय नीलाय परमेष्ठिने वृकोदराय चित्राय और चित्रगुप्ताय ।' इनमेंसे प्रत्येक नामका ' नमः' सहित उच्चारण करके जल छोड़े । यज्ञोपवीतको कण्ठीकी तरह रखे और काले तथा सफेद दोनों प्रकारके तिलोंको काममें ले । कारण यह है कि यममें धर्मराजके रुपसे देवत्व और यमराजके रुपसे पितृत्व - ये दोनों अंश विद्यमान हैं । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP