हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत| कार्तिकी अमावास्या कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत कार्तिकस्त्रान करकचतुर्थी दम्पत्यष्टमी कृष्णैकादशी गोवत्सद्वादशी नीराजनद्वादशी यम दीपदान धनत्रयोदशी गोत्रिरात्र रुपचतुर्दशी हनुमज्जन्म यम तर्पण दीपदान नरकचतुर्दशी कार्तिकी अमावास्या कौमुदी महोत्सव दीपावली लक्ष्मीपूजन कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - कार्तिकी अमावास्या व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण कार्तिकी अमावास्या Translation - भाषांतर कार्तिकी अमावास्या ( भविष्योत्तर ) - इस दिन प्रातःस्त्रानादि करनेके अनन्तर देव, पितृ और पूज्यजनोंका अर्चन करे और दूध, दही तथा घी आदिसे श्राद्ध करके अपराह्णके समय नगर, गाँव या बस्तीके प्रायः सभी मकानोंको स्वच्छ और सुशोभित करके विविध प्रकारके गायन, स्वजन या सम्बन्धियोंसहित आधी रातके समय सम्पूर्ण दृश्योंका निरीक्षण करे । उसके बाद रात्रिके शेष भागमें सूप ( छाजला ) और डिंडिम ( डमरु ) आदिको वेगसे बजाकर अलक्ष्मीको निकाले । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP