मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान तुम्हरे चरणों में ॥
यह बिनती है पलछिन छिनकी, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥टेर॥
चाहे बैरी सब संसार बने, चाहे जीवन मुझ पर भार बने ।
चाहे मौत गले का हार बने, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥१॥
चाहे अगनी में मुझे जलना हो, चाहे काँटों पे मुझे चलना हो ।
चाहे छोड़ के देश निकलना हो, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥२॥
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो, चाहे चारों ओर अँधेरा हो ।
पर मन नहीं डगमग मेरा हो, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥३॥
जिह्ला पर तेरा नाम रहे, तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे ।
तेरी याद तो आठों याम रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥४॥