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सत्यनारायण व्रत - सामग्री एवं पूजन विधि
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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श्री सत्यनारायण भगवान की कथा - तृतीय अध्याय
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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श्री सत्यनारायण भगवान की कथा - द्वितीय अध्याय
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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श्री सत्यनारायण भगवान की कथा - चतुर्थ अध्याय
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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सत्यनारायण व्रत
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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श्री सत्यनारायण भगवान की कथा - पंचम अध्याय
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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श्री सत्यनारायण भगवान की कथा - प्रथम अध्याय
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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श्री सत्यनारायण जी - जय लक्ष्मी रमणा, जय लक्ष्...
आरती हिन्दू उपासना की एक विधि है
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सत्यनारायण अष्टोत्तरनामावलि
अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
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सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - Shri Satyanarayan Pooja and Katha (Story)
Shri Satyanarayan Photograph for Pooja / श्री सत्यनारायण पुजेसाठी चित्र . Among the kathas that are prevalent in India, 'Shri Satyanarayan Vrat Katha' is the most popular.Satyanarayana vrat is the easiest and most inexpensive way of self-purification and self-surrender at the lotus feet of Hari. One who observes it with full devotion and faith is sure to attain his heart's desire. Our shastras state that during the 'Kalyug,' the fruit that one gets by hearing the 'Satyanarayan Katha' is enormous. The katha is dedicated to Lord Vishnu in his manifestation as Lord Satyanarayan. 'Satya' means truth, 'Nar' means a man and 'Ayan' means a place. Thus the place where truth resides in man is called Satyanarayan. The 'Satyanarayan katha' and the 'vrat' help us overcome vices like lust, anger, greed, attachments and ego
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सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय दुसरा
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय दुसरा Satyanarayan Katha Part 2
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सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय पाचवा
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय पाचवा Satyanarayan Katha Part 5
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सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय तिसरा
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय तिसरा Satyanarayan Katha Part 3
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सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय चौथा
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय चौथा Satyanarayan Katha Part 4
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सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय पहिला
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा कथा - अध्याय पहिला Satyanarayan Katha - Part 1
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सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा व्रत
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा Satyanarayan Pooja Vrat
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श्री सत्यनारायण अष्टोत्तरशतनामावलिः
अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
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सत्यनारायण
Meanings: 5; in Dictionaries: 5
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श्रीसत्यनारायण अष्टोत्तरनामावलि
अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
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अध्यात्मज्ञाता
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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अध्यात्मज्ञानी
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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अध्यात्मज्ञ
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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ब्रह्मज्ञानी
Meanings: 5; in Dictionaries: 5
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सुन्नु
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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गँठबंधन
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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पंजीरी
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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सुनना
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
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स्कंद पुराण - माहात्म्य
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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कलावती
Meanings: 14; in Dictionaries: 7
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पंचामृत
Meanings: 20; in Dictionaries: 6
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लीलावती
Meanings: 40; in Dictionaries: 9
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संदर्भ - देवी देवता ३
पहाटेच्या पारी जात्यावर दळण दळताना स्त्रीया सहज गाणी म्हणत.
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विसर्जन
Meanings: 34; in Dictionaries: 10
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प्रेमचंद की कहानियाँ - ईश्वरीय न्याय
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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श्रीशालग्राम-पूजन
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
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विशेषव्रतपूजाः - सत्यनारायणव्रतकथाः
सर्व जगतात हिंदू धर्माची व्याख्या होते ती, धर्मातील उपासना आणि उत्सवप्रियतेमुळे, आणि यांना जोड असते व्रत-वैकल्याची आणि धार्मिक पूजेची.
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श्री कृष्णनाथ महाराज
दत्त संप्रदायातील सत्पुरूष
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शेतकर्याचा असूड - पान १३
शूद्र शेतकरी त्या काळी इतक्या दैन्यवाण्या स्थितीस येऊन पोहोचण्याची धर्म व राज्यसंबंधी अनेक कारणे आहेत, त्यांपैकी थोड्या बहुतांचे मार्मिक विवेचन या ग्रंथात केले आहे.
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अंक दुसरा - प्रवेश दुसरा
संशय - कल्लोळ नाटकांचा पहिला प्रयोग, गंधर्व नाटक मंडळींनी सन १९१६ च्या नोव्हेंबर महिन्यांत पुणें मुक्कामीं केला.
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अध्याय तेरावा - समास तिसरा
श्रीसद्गुरुलीलामृत
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अंक पहिला - प्रवेश दुसरा
संशय - कल्लोळ नाटकांचा पहिला प्रयोग, गंधर्व नाटक मंडळींनी सन १९१६ च्या नोव्हेंबर महिन्यांत पुणें मुक्कामीं केला.
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श्री सत्य नवनाथ पूजा - प्रस्तावना, पूजा मांडणी
नवनाथ पारायणानंतर नवनाथांची पूजा व पुढे सारांश नवनाथ वाचन केले गेले तर अधिक उत्तम आणि फलदायी होईल.
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साधु
Meanings: 109; in Dictionaries: 11
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श्री परमपूज्य गुरुनाथ महाराज दंडवते महाराज
दत्त संप्रदायाचे प्रवर्तक श्रीचक्रधर यांची परंपरा दत्तात्रेय-चांगदेव राऊळ-गुंडम राऊळ-चक्रधर अशी आहे.
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शंख
Meanings: 63; in Dictionaries: 8
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शेतकर्याचा असूड - पान १४
शूद्र शेतकरी त्या काळी इतक्या दैन्यवाण्या स्थितीस येऊन पोहोचण्याची धर्म व राज्यसंबंधी अनेक कारणे आहेत, त्यांपैकी थोड्या बहुतांचे मार्मिक विवेचन या ग्रंथात केले आहे.
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सद्गुरु नारायण महाराज केडगावकर
दत्त संप्रदायातील सत्पुरूष
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ग्रामगीता - अध्याय एकेचाळीसावा
जनसेवा हीच ईशसेवा मानणारे तुकडोजी महाराज हे समाजसुधारक संत होते.
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दीपप्रकाश - एकोनविंशति किरण
Shri Madhavnath Maharaj (1857–1936) was a Hindu saint, of Karvi, Chitrakoot, Madhya Pradesh, who continued the Nath Sampradaya of the famous Navnaths in India.
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श्री बालमुकुंद बालावधुत दत्त महाराज (करवीर)
दत्त संप्रदायातील सत्पुरूष
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