भजन - मन पछितैहौ भजन बिनु कीने ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


मन पछितैहौ भजन बिनु कीने ।

धन-दौलत कछु काम न आवै, कमल-नयन-गुन चित बिनु दीने ॥१॥

देखतकौ यह जगत सँगाती, तात-मात अपने सुख भीने ।

ललितकिसोरी दुंद मिटै ना, आनँदकंद बिना हरि चीने ॥२॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 22, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP