मैं तुव पदतर रेनु रसीली ।
तेरी सरवरि कौन करि सकै प्रेममई मूरति गरबीली ॥
कोटिहु प्रान वारनें करिकै उरिनि न तोसों प्रीति रँगीली ।
अपनी प्रेम छटा, करुना करि दीजै दान दयाल छबीली ॥
का मुख करौं बड़ाई राई, ललितकिसोरी केलि हठीली ।
प्रीति दसांस सतांस तिहारी, मोमें नाहिन नेह नसीली ॥