हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत| शुक्लैकादशी कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत गोवर्धनपूजा अन्नकूट मार्गपाली यमद्वितीया नागव्रत जयापञ्चमी वह्निमहोत्सव शाकसप्तमी गोष्ठ अष्टमी नवमीव्रत सार्वभौमव्रत आशादशमी आरोग्यव्रत राज्यप्राप्तिव्रत ब्रह्मप्राप्ति व्रत शुक्लैकादशी प्रबोधैकादशीकृत्य भीष्मपञ्चक तुलसीविवाह तुलसीवास ब्रह्मकूर्च पाषाणचतुर्दशी वैकुण्ठचतुर्दशी कार्तिकी कार्तिकीका उद्यापन कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत - शुक्लैकादशी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण शुक्लैकादशी Translation - भाषांतर शुक्लैकादशी ( वराहपुराण ) - कार्तिक शुक्ल एकादशी ' प्रबोधिनी ' के नामसे मानी जाती है । इसके निमित्त स्त्रान - दान और उपवास यथापूर्व किये जाते है । विशेषता यह है कि एक वेदीपर सोलह आर ( कोण या पत्ती ) का कमल बनाकर उसपर सागरोपम, जलपूर्ण, रत्नप्रयुक्त, मलयागिरिसे चर्चित, कण्ठप्रदेशमें नालसे आबद्ध और सुश्वेत वस्त्रसे हुए शङ्ख - चक्र - गदाधारी चतुर्भुज और शेषशायी भगवानकी सुवर्णानिर्मित्त मूर्ति स्थापित करके उसका ' सहस्त्रशीर्षा० ' आदि ऋचाओंसे अङ्गन्यासपूर्वक यथाविधि पूजन करे और रात्रिमें जागरण करके दूसरे दिनके प्रभातमें वेदपाठी पाँच ब्राह्मणोंको बुलाकर उक्त चार कलश चारको और योगेश्वर भगवानकी ( स्वर्णमयी ) मूर्ति पाँचवेंको देकर उनको भोजन करवाकर स्वयं भोजन करे तो गङ्गादि तीर्थों, सुवर्णादि दानों और भगवान् आदिकी पूजाके समान फल होता है । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP