हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत| भीष्मपञ्चक कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत गोवर्धनपूजा अन्नकूट मार्गपाली यमद्वितीया नागव्रत जयापञ्चमी वह्निमहोत्सव शाकसप्तमी गोष्ठ अष्टमी नवमीव्रत सार्वभौमव्रत आशादशमी आरोग्यव्रत राज्यप्राप्तिव्रत ब्रह्मप्राप्ति व्रत शुक्लैकादशी प्रबोधैकादशीकृत्य भीष्मपञ्चक तुलसीविवाह तुलसीवास ब्रह्मकूर्च पाषाणचतुर्दशी वैकुण्ठचतुर्दशी कार्तिकी कार्तिकीका उद्यापन कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत - भीष्मपञ्चक व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण भीष्मपञ्चक Translation - भाषांतर भीष्मपञ्चक ( पद्मपुराण ) - यह व्रत कार्तिककी प्रबोधिनीसे प्रारम्भ होकर पूर्णिमाको पूर्ण होता हैं । इस निमित्त काम - क्रोधादिका त्याग कर ब्रह्मचर्य धारण करके क्षमा, दया और उदारतायुक्त होकर सोने या चाँदीकी लक्ष्मीनारायणकी मूर्ति बनवाकर वेदीपर स्थापित करे । ऋतुकालमें प्राप्त होनेवाले गन्ध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्यादिसे पूजन करके पाँच दिनपर्यन्त निराहार, फलाहार, एकभुक्त, मिताहार या नक्तव्रतादिमें जो बन सके, व्रत करे । प्रतिदिन पद्मपुराणोक्त कथा सुने । पूजनमें सामान्य पूजाके सिवा - पहले दिन भगवानके हदयका कमलके पुष्पोंसे, दूसरे दिन कटिप्रदेशका बिल्वपत्रोंसे, तीसरे दिन घुटनोंका केतकी ( केवड़े ) के पुष्पोंसे, चौथे दिन चरणोंका चमेलीके पुष्पोंसे और पाँचवें दिन सम्पूर्ण अङ्गका तुलसीकी मंजरियोंसे पूजन करे । नित्यप्रति ' ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ' के सौ, हजार, दस हजार या जितने बन सके जप करे और व्रतान्ममें पारणाके समय ब्राह्मणदम्पतिको भोजन करवाकर स्वयं भोजन करे । इस देशमें अधिकांश स्त्रियाँ एकादशी और द्वादशीको निराहार, त्रयोदशीको प्रभातमें द्विजदम्पतिको जिमाकर स्वयं भोजन करके ' पँचभीखण ' नहाती है । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP