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कार्तवीर्य द्वादशनाम स्तोत्रम् - कार्तवीर्यार्जुनो नाम राज...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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कार्तवीर्य
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कार्तवीर्यकृत दत्तात्रेयस्तोत्रम् - कार्तवीर्य उवाच - यस्मिन...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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कार्तवीर्य अर्जुन
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सप्त स्मृतिगामी
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धृष्टोक्त
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हैहेय
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सहस्रदोस्
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सुभूम
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बाहुसहस्रभृत्
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दोःसहस्रभृत्
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आपव
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तालजंघ
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जयध्वज
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विशेषोक्ति अलंकारः - लक्षण ३
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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हैहय
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मुक्तेश्वरांची कविता
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
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ऊर्जित
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वृषण
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उपासना खंड - अध्याय ७४
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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उपासना खंड - अध्याय ७३
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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खंड ३ - अध्याय ३६
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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खंड ३ - अध्याय ३५
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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शुक्लपक्ष की एकादशी
अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहते है ।
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परशुराम
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पूजा विधी - द्वादश विनायक पूजा
जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान , पूजा , संध्या , देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।
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वैशाख शुद्ध २
दिन विशेष - वर्षातील प्रत्येक दिवसाचे ऐतिहासीक महत्व.
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खंड ३ - अध्याय ३४
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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कृतवीर्य
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सुचंद्र
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उपासना खंड - अध्याय ८३
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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एकादशी महात्म्य - पद्मिनी एकादशी
एकादशी व्रताचे नुसते श्रवण केल्यासही श्रोत्याला या जगात अनेक सुखोपभोग मिळतात व शेवटी त्याला विष्णुलोकात स्थान प्राप्त होते.
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जमदग्नि
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वृषभ
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ४६
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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श्रीदत्तात्रेयकल्पः - श्रीदत्तहृदय
‘ श्रीदत्तात्रेयकल्प :’ अतिशय दुर्मिळ ग्रंथ असून याप्रमाणे श्रीदत्ताची पूजा केल्याने मानवाच्या सर्व विकृत बाधा नष्ट होतात .
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विशेषोक्ति अलंकार - लक्षण ४
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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मुक्तेश्वरांची कविता
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
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सम्राज्
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अथ श्रीदत्तहृदय प्रारंभः - श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीपार...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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मन्त्रमहोदधि - सप्तदश तरङ्ग
`मन्त्रमहोदधि' इस ग्रंथमें अनेक मंत्रोंका समावेश है, जो आद्य माना जाता है।
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अथ प्रथमोsध्याय:
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी गुरूचरित्राची रचना केली आहे, ती अप्रतिम आहे.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह २
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे. Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्री गणेश प्रताप - अध्याय २०
सर्व कीर्तीने युक्त, सर्व देवाधिदेवांमध्ये श्रेष्ठ अशा अत्यंत प्रिय असलेल्या श्रीगजाननाच्या स्तुतीपर हा ग्रंथ आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - एकोनविंशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ११
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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वृषसेन
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दत्त
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श्री तुळजाभवानी माहात्म्य - अध्याय ४
श्री तुळजाभवानी आदिशक्ती असून तिची आराधना केल्यास सर्व पापे नष्ट होऊन, जीवन आनंदमय होते.
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अध्याय ८२ वा - श्लोक १ ते ५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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