Site Search Input language: Select language देवनागरी Roman Kannada Bengali/Bangla Gurmukhi Gujarati Site Search Google Search Search results Results does not include Ancestry or QnA (Prashna) गीतगोविन्दम् - जयदेवऋत अष्टपदि गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind, जयदेव, jayadev Type: PAGE | Rank: 0.9986806 | Lang: NA गीतगोविन्दम् गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind, जयदेव, jayadev Type: INDEX | Rank: 0.9986806 | Lang: NA चन्द्रालोकः - नवमो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - षष्ठो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - षष्ठः सर्गः - गीतम् १२ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - प्रथमः सर्गः - गीतम् ४ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - अष्टमः सर्गः - गीतम् १७ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - द्वादशः सर्गः - गीतम् २३ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - अष्टमो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - प्रथमः सर्गः - गीतम् १ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - दशमो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - सप्तमो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - सप्तमः सर्गः - गीतं १३ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - प्रथमो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - पञ्चमः सर्गः - गीतम् १० गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - श्री गोपालक ध्यानम् गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - द्वादशः सर्गः - गीतम् २४ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - चतुर्थः सर्गः - गीतम् ९ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - सप्तमो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - द्वितीयो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - प्रथमः सर्गः गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - सप्तमः सर्गः - गीतम् १४ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - पञ्चमः सर्गः - गीतम् ११ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - द्वितीयः सर्गः - गीतम् ५ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - एकादशः सर्गः - गीतम् २० गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - तृतीयो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - दशमो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - चतुर्थो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - नवमः सर्गः - गीतम् १८ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - सप्तमः सर्गः - गीतम् १६ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - एकादशः सर्गः - गीतम् २१ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - पञ्चमो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - प्रथमः सर्गः - गीतम् २ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - तृतीयो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - एकादशः सर्गः - गीतम् २२ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - चतुर्थः सर्गः - गीतम् ८ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - सप्तमः सर्गः - गीतम् १५ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - षष्ठो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - पञ्चमो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - द्वितीयः सर्गः- गीतम् ६ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - प्रथमो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - चतुर्थो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - दशमः सर्गः - गीतम् १९ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - नवमो मयूखः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: INDEX | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - प्रथमः सर्गः - गीतम् ३ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - अष्टमो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. Tags: chandralok, jayadev, kavya, काव्य, चंद्रलोक, जयदेव, संस्कृत Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः जयदेवेन रचितः अलङ्कारग्रन्थः । अलङ्कारशास्त्रग्रन्थेषु "चन्द्रालोक"वत् सरलं सुन्दरं सह्रुदयचित्ताकर्षकं च ग्रन्थरत्नं नान्यत् दृश्यते इति नातिशयोक्तिः । Tags: जयदेव, चंद्रलोक, संस्कृत, jayadev, chandralok, sanskrit Type: INDEX | Rank: 0.8474087 | Lang: NA गीतगोविन्दम् - तृतीयः सर्गः - गीतम् ७ गीतगोविन्दम् Tags: गीत, गोविन्द, jayadev, जयदेव, geet, govind Type: PAGE | Rank: 0.8474087 | Lang: NA चन्द्रालोकः - द्वितीयो मयूखः ‘चंद्रलोक’ कवी जयदेव यांची एक सुमधुर रचना आहे. 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