नाभाक n. एक सूक्तद्रष्टा ऋषि
[ऋ.८.३९-४१] । यह ‘नभाक’ ऋषि का पुत्र था । ऋग्वेद के तीन या चार सूक्तों के प्रणयन का श्रेय इसे दिया गया है
[ऋ.८.४१.२] । ‘नाभाक काण्व’ नाम से इसका निर्देश, कई जहग प्राप्त है । किंतु लुडविग के मत में, यह ‘काण्व’ न हो कर, ‘आगिरस’ वंश का था
[लुडविग.३.१०७] । इसके एक सूक्त में, यह सूर्यवंशी आंगिरस होने का निर्देश भी प्राप्त है । अपने एक सूक्त में इसने कहा है, मेरे पिता नाभाक, अंगिरस्, मांधातृ एवं अशी तरह, नये स्तोत्र तयार कर मैं इंद्र एवं अग्नि की स्तुति कर रहा हूँ
[ऋ.८.४०./१२] । इस निर्देश के कारण, ऋषि इस काल मांधातृ के पश्चात् का था, यह शाबित होता है ।
नाभाक II. n. (सू.इ.) अयोध्या देश का एक राजा । वायु,भागवत,तथा विष्णुमत में, यह श्रुत का पुत्र था । मत्स्य मत में यह भगीरथ का पुत्र था । मत्स्य में इक्ष्वाकु राजा ‘श्रुत’ का निर्देश ही नहीं है । विष्णु एवं वायु में में इसे ‘नाभाग’, एवं भागवत में इसे ‘नाभ’ कहा गया है।