तामस n. धर्म एवं हिंसा का पुत्र ।
तामस II. n. (सो.)भविष्य मत में श्रवस् का पुत्र ।
तामस III. n. (स्वा. प्रिय.) प्रियवरत का तीसरा पुत्र था उत्तम का भाई
[भा.८.१.२७] । कई ग्रंथो में इसे प्रियव्रत का वंशज कहा है
[विष्णु.३.१.२४] । स्वराष्ट्र नामक राजा को विमर्द नामक राजा ने पदच्युत किया । स्वराष्ट्र राजा की पत्नी उत्पलावती, मृत्यु के बाद, हरीनी योनि में उत्पन्न हुई । स्वराष्ट्र का कामुक स्पर्श उस हरिणी को होने के कारण, यह पुत्र उत्पन्न हुआ
[मार्क.७१.४६] । माता को तापस योनि प्राप्त होने पर उत्पन्न होने के कारण, इसे तामस मनु कहते थे । पिता ने सारी बातें इसे बतायीं । तब इसने पिता के शत्रू विमर्द राजा को कैद कर लाया
[मार्क. ७१.४७] । वाद में पिता के कहने पर इसने उसे छोड दिया । इस तरह राज्य प्राप्त कर यह सार्वभौम बना । इसने नर्मदा के दक्षिण तट पर महेश्वरी की आराधना की । कामराजकूट का जय किया । वसंत एवं शरदऋतु में नवरात्र पूजा भी की । इस तपस्या से यह चतुर्थ मन्वंतराधिपति मनु बना
[दे. भा.१०.८] । यह अपनी भार्या के साथ स्वर्ग लोक गया । गजेंद्र मोक्ष की घटना इसी के ही काल में हुई थी
[भा.८.१] ; मनु देखिये ।