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बिहारी जू है तुम लौ मेरी ...

भजन, - बिहारी जू है तुम लौ मेरी ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


बिहारी जू है तुम लौ मेरी दौर ॥

दीननको प्रभु राखत आये हौ त्रिभुवन सिरमौर ।

जो जन सरन भये तव स्वामि तिनहिम दियो शुभ ठौर ॥

मीरा आदि द्रौपदी सौरी सबके राखे तौर ।

रानी रूपकुँवरि सरनागत करिये प्रभु अब गौर रूपकुँवरि

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Last Updated : December 23, 2007

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