भजन - जय जय श्रीकृष्णचन्द्र नंद...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
जय जय श्रीकृष्णचन्द्र नंदके दुलार रूपकुँवरि
ब्यास ऋषिन कपिलदेव मच्छ कच्छ हंस सेव ।
नर हरि बामन सुमेव परशु धरनहारे रूपकुँवरि
कलकि बौद्ध पृथु सुधीर ध्रुव हरि रघुबंस बीर ।
धन्वन्तरी हरण पीर हयग्रीव प्यारे रूपकुँवरि
बद्रीपति दत्तात्रय मन्वन्तर टारन भय ।
यज्ञेश्वर शूकर जय सनकादिक उचारे ॥
रूपकुँवरि चतुरबिंस नाम जपति बढ़ति बंस ।
भक्ति मुक्ति लहै हंस अधमनको तारे रूपकुँवरि
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Last Updated : December 23, 2007
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