हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|चैत्रके व्रत|चैत्र शुक्लपक्ष व्रत| गौरीतृतीया चैत्र शुक्लपक्ष व्रत संवत्सर संवत्सरपूजन तिलकव्रत आरोग्यव्रत विद्याव्रत नवरात्र पञ्चरात्र पञ्चरात्र बालेन्दुव्रत नेत्रव्रत दोलनोत्सव गौरीतृतीया ईश्वर - गौरी गौरीविसर्जन श्रीव्रत लक्ष्मीव्रत कुमारव्रत मोदनव्रत नामसप्तमी सूर्यव्रत अशोककलिकाप्राशनव्रत रामनवमी शुक्लैकादशी मदनद्वादशी मदनपूजा प्रदोषव्रत चैत्री पूर्णिमा तिथीशपूजन हनुमद्व्रत चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - गौरीतृतीया व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : chaitrafestivalmonthvratचैत्रमहिनाव्रतसण गौरीतृतीया Translation - भाषांतर गौरीतृतीया ( व्रतोत्सवसंग्रह ) - यह भी इसी दिन ( चैत्र शुक्ल तृतीयाको ) किया जाता है । सौभाग्यवती स्त्रियाँ उस दिन प्रातः- स्त्रान करके उत्तम रंगीन वस्त्र ( लाल धोती आदि ) धारण करके शुद्ध स्थानमें २४ अंगुलकी सम - चौरस वेदी बनायें और उसपर केसर, चन्दन और कपूरसे मण्डल बनाकर उसमें सोने या चाँचीकी मूर्ति स्थापन करके अनेक प्रकारके फल, पुष्प, दूर्वा और गन्धादिसे पूजन करे । उसी जगह गौरी, उमा, लतिका, सुभगा, भगमालिनी, मनोन्मना, भवानी, कामदा, भोगवर्द्धिनी और अम्बिका - इनको भी गन्ध - पुष्पादिसे चर्चित और सुशोभित करे और भोजनमें केवल एक बार दूध पियें तो पति - पुत्रादिका अखण्ड सुख प्राप्त होता है । N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP