हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|चैत्रके व्रत|चैत्र शुक्लपक्ष व्रत| शुक्लैकादशी चैत्र शुक्लपक्ष व्रत संवत्सर संवत्सरपूजन तिलकव्रत आरोग्यव्रत विद्याव्रत नवरात्र पञ्चरात्र पञ्चरात्र बालेन्दुव्रत नेत्रव्रत दोलनोत्सव गौरीतृतीया ईश्वर - गौरी गौरीविसर्जन श्रीव्रत लक्ष्मीव्रत कुमारव्रत मोदनव्रत नामसप्तमी सूर्यव्रत अशोककलिकाप्राशनव्रत रामनवमी शुक्लैकादशी मदनद्वादशी मदनपूजा प्रदोषव्रत चैत्री पूर्णिमा तिथीशपूजन हनुमद्व्रत चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - शुक्लैकादशी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : chaitrafestivalmonthvratचैत्रमहिनाव्रतसण शुक्लैकादशी Translation - भाषांतर शुक्लैकादशी ( नानापुराणस्मृति ) - इसको चैत्र शुक्ल एकादशीके दिन पूर्वोक्त प्रकारसे करना चाहिये । व्रतले पहले दिन ( दशमीके मध्याह्नमें ) जौ, गेहूँ और मूँग आदिका एक बार भोजन करके भगवानका स्मरण करे । दूसरे दिन ( एकादशीको ) प्रातःस्त्रानादि करके ' ममाखिपापक्षयपूर्वकपरमेश्वरप्रीतिकामनया कामदैकादशीव्रतं करिष्ये ' यह संकल्प करके रात्रिके समय भगवानको दोलारुढ करे और उनके सम्मुख जागरण करे । फिर दूसरे दिन पारण करे तो सब प्रकारके पाप दूर होते हैं । ......इसका कथासार यह है कि प्राचीन कालमें सुवर्ण और रत्नोंसे सुशोभित भोगिपुर नगरके पुण्डरीक राजाके ललित और ललिता नामके गन्धर्व - गन्धर्विणी गायन - विद्यामें बड़े प्रवीण थे । एक दिन राजाके बुलानेपर ललिता कार्यवश नहीं आया, तब राजाने उसको राक्षस बना दिया । इसपर ललिता बहुत दुःखे हुई और ऋष्युश्रृङ्गकी आज्ञासे उसने कामदाका व्रत करके पतिको पूर्वरुपमें प्राप्त किया । N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP