मदनद्वादशी ( मत्स्यपुराण ) -
यह व्रत चैत्र शुक्ल द्वादशीको किया जाता है । उस दिन गुड़के जलसे स्त्रान करके एक वेदीपर चावलोंसे भरा हुआ कलश स्थापन करे और उसके ऊपर ताँबेके पात्रमें गुड़ और सुवर्णकी मूर्ति रखकर उसका गन्ध - पुष्पदिसे पूजन करे । साथ ही अनेक प्रकारके फल, पुष्प, ईख और नैवेद्य अर्पण करे तथा उनमेंसे एक फल लेकर उसको भक्षण करे । इस प्रकार १३ महीने करे तो उसको पुत्र - शोक नहीं होता ।