बलवान् बुधकी दशामें शुभफल, प्रियमित्रका संग, सुवर्ण, हेम, वस्त्र, विद्या और अर्थका लाभ और मनमें प्रमोद होता है ॥१॥
बुधके अन्तर्गत बुधकी दशामें बुद्धिकी वृद्धि होती है, शरीरमें सुख, स्त्रीसुख, अनेक प्रकारसे धनका लाभ, सुख और यश होता है ॥२॥
बुधके अन्तर्गत शनिकी दशामें मित्रार्थ साधक सिद्ध और गुण धर्मार्थका साधक सर्व कार्योंका करनेवाला होता है ॥३॥
बुधके अन्तर्गत बृहस्पतिकी दशामें रिपु रोग और भयकरके रहित, धर्मका जाननेवाला, राजाका प्यारा, हेमादि पदार्थोंकरके शोभायमान होता है ॥४॥
बुधके अन्तर्गत राहुकी दशामें अकस्मात् बन्धुभय और राजाका कोप हो, भय और अर्थका नाश होता है ॥५॥
बुधके अन्तर्गत शुक्रकी दशामें गुरु, देवता और ब्राह्मणका पूजनेवाला, दानधर्ममें परायण और वस्त्र अलंकार रत्न आदिका लाभ होता है ॥६॥
बुधके अन्तर्गत सूर्यकी दशामें सुवर्ण, घोडा, माणिक्य, विजय और सुखका लाभ, राज्य, लक्ष्मी, बल और तेज प्राप्त होता है ॥७॥
बुधके अन्तर्गत चन्द्रमाकी दशामें आचारवन्, बहुत धन हाथी घोडा आदि सुखको प्राप्त, शय्या छत्र और संपदासे सुशोभित होता है ॥८॥
बुधके अन्तर्गत मंगलकी दशामें शिर - गुदारोगसे पीडा, अग्नि चौर और राजासे भय और बन्धु पुत्रादि पीडा होती है ॥९॥