चन्द्रमाके अंतर्गत चन्द्रमाकी दशामें मणिमुक्तादि फलप्राप्ति, विविध सौख्य, वस्त्रप्राप्ति और सुखप्राप्ति होती है । चन्द्रमाके अंतर्गत मंगलकी दशामें लालवस्तुसे लाभ, विदेशका गमन, संतानसुख होता है । चन्द्रमाके अंतर्गत बुधकी दशामें दुःख सुख तथा लाभ हानि समानही होता है और सदा व्याकुलतायुक्त होता है । चन्द्रमाके अंतर्गत बृहस्पतिकी दशामें सोनेका लाभ, पुत्रका जन्म, आनन्दकरके युक्त और मणिमुक्ताफलका लाभ होता है । चन्द्रमाके अन्तर्गत शुक्रकी दशामें उत्तमस्त्रियोंसे सुंदरकन्याकी उत्पत्ति और धर्मयुक्त धनकी प्राप्ति होती है । चन्द्रमाके अंतर्गत शनिकी दशामें वेश्याका गमन, विवाद, स्त्रीसमागम और अकस्मात् धनका लाभ होता है । चन्द्रमाके अंतर्गत सूर्यकी दशामें मणि विद्रुमका लाभ, सर्वसौख्य, सुखका आगम, प्रताप और कर्पूरादिगंधयुक्त भोजनादि प्राप्त होता है ॥१-७॥