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अच्युत
Meanings: 38; in Dictionaries: 12
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अच्युताष्टकं - अच्युतं केशवं राम नारायणं...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
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immortal
Meanings: 11; in Dictionaries: 5
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dateless
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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timeless
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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जल्लकिन्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अच्युतोपाध्याय
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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आच्युतिक
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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तारली
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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आच्युतन्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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गङ्गादास
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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कृष्णालंकारः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अच्युतवास
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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पौष व. प्रतिपदा
Pausha vadya Pratipada
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अच्युताग्रज
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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संत निवृत्तीनाथांचे अभंग - पंचतत्त्व कळा सोविळी संपू...
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग संत निवृत्तीनाथ हे संत ज्ञानेश्वर महाराजांचे थोरले बंधू होत.सर्वसामान्य जनतेला संस्कृत भाषेतील भगवद्गीता समजत नव्हती म्हणून निवृत्तीनाथांनी ज्ञानेश्वरांना प्राकृत(मराठी)भाषेत लिहीण्यास सांगितली, तीच "ज्ञानेश्वरी". The eldest, Nivrutti, joined the nath sect and became Nivruttinath. He also become the guru of Dnyaneshwar. He, at the age of fourteen, instructed Dnyaneshwar, who was twelve, to write a commentry on the Bhagavad Gita
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संत निवृत्तीनाथांचे अभंग - नित्य हरिकथा नित्य नामावळ...
संत निवृत्तीनाथ हे संत ज्ञानेश्वर महाराजांचे थोरले बंधू होत.सर्वसामान्य जनतेला संस्कृत भाषेतील भगवद्गीता समजत नव्हती म्हणून निवृत्तीनाथांनी ज्ञानेश्वरांना प्राकृत(मराठी)भाषेत लिहीण्यास सांगितली, तीच "ज्ञानेश्वरी". The eldest, Nivrutti, joined the nath sect and became Nivruttinath. He also become the guru of Dnyaneshwar. He, at the age of fourteen, instructed Dnyaneshwar, who was twelve, to write a commentry on the Bhagavad Gita
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आत्मबोध टीका - श्लोक ३४ व ३५
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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भजन - नमो आधी रुप ओकांर स्वरुपा...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
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क्षित्
Meanings: 7; in Dictionaries: 2
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दशी वाहणें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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प्रच
Meanings: 8; in Dictionaries: 2
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पञ्चदेवतास्तोत्रम्
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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पञ्चदेवतास्तोत्रम् - गणेशविष्णुसूर्येशदुर्गाख्...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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अर्थालंकार - अनुगुण
काव्यास ज्याच्या योगाने शोभा येते त्यास अलंकार असे म्हणतात.
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तुळशीची आरती - जय देव जय देवी जय माये तु...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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एकनाथी भागवत - श्लोक २८ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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रोग हनन व्रत - रोगत्रयोपशमनव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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एकनाथी भागवत - श्लोक २४ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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श्रीकृष्णाची आरती - परमानंदा परम पुरुषोत्तमा ...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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चेवणें
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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श्रीकृष्ण आरती - श्रावणकृष्णाष्टमिसी गोकुळ...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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अर्थालंकार - विवृतोक्ति
काव्यास ज्याच्या योगाने शोभा येते त्यास अलंकार असे म्हणतात.
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नारायणदर्शनम्
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक १०१ ते १२०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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सहस्त्र नामे - श्लोक ६६ ते ७०
श्रीगणेशाच्या सहस्त्रनामांचे मराठी अर्थ.
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नाममहिमा - अभंग १२१ ते १३०
संत नामदेवांनी गंगा नदीचे माहात्म्य इतके छान वर्णन केले आहे की, जणू प्रत्यक्ष गंगास्नानाचा भास होतो.
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गुणरूपनाम - ॥ समास पहला - आशकानाम ॥
श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है ।
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एकनाथी भागवत - श्लोक ५४ व ५५ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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स्कंध १० वा - अध्याय ४९ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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पदसंग्रह - पदे १९६ ते २००
रंगनाथ स्वामींचा जन्म शके १५३४ परिघाविसंवत्सर मार्गशीर्ष शुद्ध १० रोजीं झाला.
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च्युत
Meanings: 48; in Dictionaries: 11
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अध्याय ११ वा - श्लोक २१ ते २५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्री मुक्तेश्वर आख्यान - अध्याय ९ वा
ब्रह्मांड पुराण वर्ण वैभव खंडामधील ब्रह्म व नारद यांच्या संवादात श्री मुक्तेश्वर पुराण सांगण्यात आले आहे.
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चित्रापुरगुरुपरंपरा - शरणाष्टकम्
सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय.
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय २०
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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लक्षणे - ५६ ते ६०
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अध्याय ६१ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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एकनाथी भागवत - श्लोक २५ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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विसोबा खेचर
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
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