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महाकाव्य
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यशवंतराय महाकाव्य - अनुक्रमणिका
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तेरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग चवथा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग एकोणिसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग अठरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सहावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग पंधरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग दुसरा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सोळावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तिसरा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग विसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग बाविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग आठवा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग नववा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग दहावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सतरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग एकविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग चोविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग पाचवा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग अकरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सातवा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग बारावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तेविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग पहिला
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग चौदावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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आश्चर्यरासप्रबन्धः - भाग ३
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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काव्य
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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आश्चर्यरासप्रबन्धः - भाग १
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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आश्चर्यरासप्रबन्धः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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ऊद्धवसन्देश
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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रामचरितमहाकाव्य - प्रथमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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अमरुशतक
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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आश्चर्यरासप्रबन्धः - भाग २
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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रामचरितमहाकाव्य - तृतीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.या काव्याचे कवी आहेत, अभिनन्द.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी - तृतीया वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी - चतुर्थी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी - द्वितीया वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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रामचरितमहाकाव्य - द्वितीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.या काव्याचे कवी आहेत, अभिनन्द.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी - षष्ठी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी - पञ्चमी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी - सप्तमी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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दशावतारचरित्रम् - नृसिंहावतारश्चतुर्थः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
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नवसाहसाङ्कचरितम्
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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नवसाहसाङ्कचरितम् - सप्तमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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नवसाहसाङ्कचरितम् - द्वादशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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दशावतारचरित्रम् - वामनावतारः पञ्चमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
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नवसाहसाङ्कचरितम् - अष्टादशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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