-
श्रीसूक्त लक्ष्मीपूजन - आरती तथा समर्पण
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 6.569884 | Lang: NA
-
श्रीसूक्त लक्ष्मीपूजन - चतुर्थ पूजा
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
श्रीसूक्त लक्ष्मीपूजन - तृतीय पूजा
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
श्रीसूक्त लक्ष्मीपूजन - प्रथम पूजा
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
लक्ष्मीपूजन - लक्ष्मी पूजन
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
श्रीसूक्त लक्ष्मीपूजन - द्वितीय पूजा
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
लक्ष्मीपूजन - सामग्री एवं नियम
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
श्रीसूक्त लक्ष्मीपूजन - पंचम पूजा
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
लक्ष्मीपूजन - विविध पूजन
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
लक्ष्मीपूजन - आरती
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
दीपावली की पूजा - लक्ष्मीपूजन श्रीसूक्तसे
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: INDEX | Rank: 4.362966 | Lang: NA
-
दीपावली की पूजा - लक्ष्मीपूजन
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: INDEX | Rank: 3.042533 | Lang: NA
-
कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - लक्ष्मीपूजन
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
Type: PAGE | Rank: 2.689314 | Lang: NA
-
वधूसह ग्रहप्रवेश व लक्ष्मीपूजन
‘ संस्कार ’ हे केवळ रूढी म्हणून करण्यापेक्षां त्यांचे हेतू जाणून ते व्हावेत अशी अनेकांची इच्छा असते. ज्यावेळीं एखाद्या घरांमध्यें शुभकार्य असते त्यावेळीं या गोष्टी सविस्तर माहीत असल्यास कार्य सुव्यवस्थित पार पडते असा अनुभव आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.320433 | Lang: NA
-
लक्ष्मीपूजन
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.320433 | Lang: NA
-
धर्मसिंधु - लक्ष्मीपूजनोत्सव
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
Type: PAGE | Rank: 0.02740617 | Lang: NA
-
द्वितीय परिच्छेद - महालक्ष्मीव्रत
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल , याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे .
Type: PAGE | Rank: 0.0239804 | Lang: NA
-
दिवाळी
Meanings: 16; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.02055463 | Lang: NA
-
राम गणेश गडकरी - जी दुःखी कष्टी जीवाम दुसर...
राम गणेश गडकरींनी मराठी साहित्यात मोलाची भर घातली.
Type: PAGE | Rank: 0.01937909 | Lang: NA
-
झाल
Meanings: 16; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.01937909 | Lang: NA
-
दिवाळी
केशवसुतांच्या काव्यांवर क्रांतिकारक विचारांचा, स्वातंत्र्यवादाचा, मानवधर्माचा आणि आत्मनिष्ठेचा प्रभाव आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01712886 | Lang: NA
-
आश्विन अमावस्या
Ashvina Amavasya
Type: PAGE | Rank: 0.01712886 | Lang: NA
-
संग्रह १४१ ते १६०
लहान लहान पण यमकबद्ध अशा वाक्यरचनेतून स्त्रिया आपल्या पतीचे नाव कुशलतेने गुंफून घेतात, त्या प्रकाराला उखाणा म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.0169567 | Lang: NA
-
दीपावली की पूजा - बहीखाता-तुला पूजन
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.0169567 | Lang: NA
-
अध्याय ६१ वा - श्लोक २६ ते ३०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.01370309 | Lang: NA
-
षोडशसंस्कारः - प्रस्तावना
‘ संस्कार ’ हे केवळ रूढी म्हणून करण्यापेक्षां त्यांचे हेतू जाणून ते व्हावेत अशी अनेकांची इच्छा असते. ज्यावेळीं एखाद्या घरांमध्यें शुभकार्य असते त्यावेळीं या गोष्टी सविस्तर माहीत असल्यास कार्य सुव्यवस्थित पार पडते असा अनुभव आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.009689545 | Lang: NA
-
अध्याय ५८ वा - श्लोक २६ ते ३०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.009689545 | Lang: NA
-
द्वितीय परिच्छेद - यमतर्पण
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल , याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे .
Type: PAGE | Rank: 0.009689545 | Lang: NA
-
रुक्मिणी स्वयंवर-प्रस्तावना
रुक्मिणी स्वयंवर या ग्रंथाचे पारायण केल्याने विवाह लवकर होण्यास मदत होते आणि सुस्वरूप, अनुरूप पती मिळतो असा अनेकांचा अनुभव आहे म्हणून शक्यतो कुमारिकांनी या ग्रंथाचे पारायण करावे.
Type: PAGE | Rank: 0.009689545 | Lang: NA
-
अध्याय ६१ वा - श्लोक ३६ ते ४०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.009689545 | Lang: NA
-
शेतकर्याचा असूड - पान २
शूद्र शेतकरी त्या काळी इतक्या दैन्यवाण्या स्थितीस येऊन पोहोचण्याची धर्म व राज्यसंबंधी अनेक कारणे आहेत, त्यांपैकी थोड्या बहुतांचे मार्मिक विवेचन या ग्रंथात केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.008478352 | Lang: NA
-
ग्रामगीता - अध्याय तेविसावा
जनसेवा हीच ईशसेवा मानणारे तुकडोजी महाराज हे समाजसुधारक संत होते.
Type: PAGE | Rank: 0.007267159 | Lang: NA
-
श्री गणेश प्रताप - क्रीडाखंड अध्याय २८
सर्व कीर्तीने युक्त, सर्व देवाधिदेवांमध्ये श्रेष्ठ अशा अत्यंत प्रिय असलेल्या श्रीगजाननाच्या स्तुतीपर हा ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007267159 | Lang: NA
-
अध्याय ६८ वा - श्लोक ४६ ते ५४
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.007267159 | Lang: NA
-
हरिविजय - अध्याय २४
श्रीधरांसारखा भगवंताच्या भक्तिप्रेमात न्हाऊन गेलेला अजोड कवी, गोपालकृष्णाच्या अति गोड लीलांचे वर्णन करतो, तेव्हा काय बहार येते.
Type: PAGE | Rank: 0.006055966 | Lang: NA
-
लक्ष्मी सरस्वती पूजन - पूजा
लक्ष्मी आणि विद्याप्राप्तिसाठी करावयाचे पूजन.
Type: PAGE | Rank: 0.006055966 | Lang: NA
-
भक्त लीलामृत - अध्याय १६
महिपतिबोवांच्या वाचेला सिद्धी होती, म्हणूनच हा ग्रंथ जो भक्तिभावाने व एकाग्रतेने वाचील त्याला फलश्रुतीचा अनुभव खचितच येणार.
Type: PAGE | Rank: 0.006055966 | Lang: NA