हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|नजीर| करने लगे ये धूम जो गिरधार... नजीर यारो, सुनो ये दधिके ... जब मुरलीधरने मुरलीको अपने... है आशिक और माशूक जहाँ वाँ... कुछ जुल्म नहीं, कुछ जोर न... जिस सिम्त नजर कर देखें है... करने लगे ये धूम जो गिरधार... हम चाकर जिसके हुस्नके हैं... क्या इल्म उन्होंने सीख लि... जब हाथको धोया हाथोंसे , ज... था जिसकी खातिर नाच किया ,... कहती थी दिलमें , दूध जो अ... गर यारकी मर्जी हुई सर जोड़... है बिहारे बाग दुनिया चंदर... भजन - करने लगे ये धूम जो गिरधार... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajannajeerनजीरभजन राग बहार - ताल दादरा Translation - भाषांतर करने लगे ये धूम जो गिरधारी नंदलाल, इक आप और दूसरे साथ उनके ग्वाल-बाल । माखन दही चुराने लगे सबके देखभाल, दी अपनी दूध चोरीकी घर-घरमें धूम डाल । ऐसा था बाँसुरीके बजैयाका बालपन, क्या-क्या कहूँ मैं कृष्ण-कन्हैयाका बालपन ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 25, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP