है बिहारे बाग दुनिया चंदरोज, देख लो इसका तमाशा चंदरोज ।
ऐ मुसाफिर कुचका सामान कर, इस जहाँमें है बसैरा चंदरोज ॥
पूछा लुकमाँसे जिया तु कितने रोज ? दस्त हसरतमलके बोला, चंदरोज ।
बादे मदफन कब्रमें बोली कजा-अब यहाँ पै सोते रहना चंदरोज ॥
फिर तुम कहाँ औ मैं कहाँ ऐ दोस्तो ! साथ है तुम्हारा चंदरोज ।
क्या सताते हो दिले बेजुर्मको, जालिमो, है ये जमाना चंदरोज ॥
याद कर तू ऐ नजीर ! कबरोंके रोज, जिंदगीका है भरोसा चंदरोज ।