भजन - हम चाकर जिसके हुस्नके हैं...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


हम चाकर जिसके हुस्नके हैं, वह दिलवर सबसे आला है ।

उसने ही हमको जी बख्शा, उसने ही हमको पाला है ॥

दिल अपना भोला-भाला है, और इश्क बड़ा मतवाला है ।

क्या कहिये और 'नजीर' आगे, अब कौन समझनेवाला है ?

हर आन हँसी, हर आन खुशी, हर वक्त अमीरी है बाबा !

जब आशिक मस्त फकीर हुए, फिर क्या दिलगीरी है बाबा !

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Last Updated : December 25, 2007

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