हम चाकर जिसके हुस्नके हैं, वह दिलवर सबसे आला है ।
उसने ही हमको जी बख्शा, उसने ही हमको पाला है ॥
दिल अपना भोला-भाला है, और इश्क बड़ा मतवाला है ।
क्या कहिये और 'नजीर' आगे, अब कौन समझनेवाला है ?
हर आन हँसी, हर आन खुशी, हर वक्त अमीरी है बाबा !
जब आशिक मस्त फकीर हुए, फिर क्या दिलगीरी है बाबा !