सत्या n. मन्थु राजा की पत्नी, जो भोवन राजा की माता थी
[भा. ५.१५.१५] ।
सत्या II. n. धर्म की कन्या, जो शंयु नामक अग्नि की पत्नी थी । इसे भरद्वाज नामक एक पुत्र एवं तीन कन्याएँ उत्पन्न हुई थी
[म. व. २०९.४] ।
सत्या III. n. मगध देश के बृहद्रथ राजा की पत्नी, जो जरासंध राजा की माता थी ।
सत्या IV. n. कोसल देश के नग्नजित् राजा की कन्या, जो श्रीकृष्ण की पटरानी थी । इसके स्वयंवर के समय इसके पिता ने शर्त रखी थी कि, सात मस्त बैलों के साथ जो लड़ेगा उसके साथ इसका विवाह किया जायेगा। यह शर्त जीत कर कृष्ण ने इसका वरण किया
[भा. १०.५८.३२-४७] । अपने विवाह का वृत्तांत इसने द्रौपदी से कथन किया था
[भा. १०.८३.१३] । अपने पूर्वजन्म में किये विष्णुभक्ति के कारण, कृष्णपत्नी बनने का भाग्य इसे प्राप्त हुआ।
सत्या IV. n. कृष्ण से इसे निम्नलिखित पुत्र उत्पन्न हुए थेः-- वीर, चंद्र, अश्वसेन, चित्रगु, वेगवत्, वृष, आम, शंकु, वसु एवं कृन्ति
[भा. १०.६१.१३] ।
सत्या V. n. उत्तम मन्वन्तर के सत्य नामक अवतार की माता
[विष्णु. ३.१.३८] ।
सत्या VI. n. बृहन्मनस् राजा की पत्नी, जो शैब्य नामक राजा की कन्या, एवं विजय नामक राजा की माता थी
[मत्स्य. ४८.१०५] ।