जय राधे, श्रीकुंज बिहारिनि, बेगहि श्रीब्रजबास दीजिये ।
बेली बिटप जनुनजल और रज, संत संग रँग भीजिये ॥
बहु दुख सह्यौ, सहों अब कबलौं, अबय सबनि सों कीजिये ।
सरनागतकी लाज आपको, कृपा करो तो जीजिये ॥
जो कछु चूक परी है अबलौं, सो सब छमा करीजिये ।
जुगलप्रिया अनुचरी आपकी बिनय स्त्रवन सुनि लीजिये ॥